रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
बहराइच- उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के नवाबगंज विकास खण्ड स्थित ग्राम पंचायत नव्वागाँव में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे गांव के विकास कार्यों में भारी रुकावटें आ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर बिना किसी जांच के कई कार्यों को वित्तीय मंजूरी मिल रही है धन खर्च हो गया, जबकि अधिकांश कार्यों का वास्तविक रूप में कोई असर नहीं दिख रहा है और जमीन पर कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, कई योजनाओं में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं। जिम्मेदारों द्वारा विभिन्न विकास कार्यों की फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत है, जबकि मौके पर जाकर सुधार और मानक के ख्याल का और कार्य होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता। वहीं, पंचायत अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं, जो स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, नाली, खड़ंजा, इंटरलॉकिंग, रिबोर, मरम्मत आदि में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। फंड का दुरुपयोग हो हुआ है लाभार्थियों की सूची में गड़बड़ी के चलते वास्तविक जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। इसके बावजूद न तो किसी प्रकार की जांच हो रही है और न ही संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक प्रशासनिक स्तर पर कड़ी निगरानी और पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रष्टाचार खत्म होना मुश्किल होगा।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक भ्रष्टाचार की आड़ में विकास कार्य ठप रहेंगे? और कब प्रशासन उन योजनाओं की जांच करेगा जिनका उद्देश्य जनता को राहत देना था?