Breaking News
[responsivevoice_button pitch= voice="Hindi Female" buttontext="ख़बर को सुनें"]

कोरोना के कारण इस वर्ष इंडोनेपाल बार्डर पर रामलीला देखने से वंचित रहे रामलीला प्रेमी

ब्यूरो रिपोर्ट- एम.असरार सिद्दीकी।

रुपईडीहा बहराइच- नेपाल सीमा से सटे रुपईडीहा कस्बे में रामलीला का आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा मान व नाम था।परंतु इस बार कोरोना महामारी को लेकर रामलीला का मंचन ही रोक दिया गया।रामलीला का मंचन न होने से व्यथित रामलीला प्रेमी व रामलीला कमेटी रुपईडीहा के अध्यक्ष केदारनाथ अग्रवाल ने बताया कि 1956 से अनवरत इस कस्बे में रामलीला का मंचन व दशहरा बाग में रावण व मेघनाथ के पुतले दहन सहित राम रावण युद्ध का सजीव मंचन हज़ारों की संख्या में लोग देखते थे।दशहरा बाग में बड़ा मेला लगता था।यह सब इस वर्ष नहीं हो सका।उन्होंने ने यह भी बताया की 1956 में रुपईडीहा थाने के एक मुंशी ने कस्बे में रामलीला शरू कराई थी।उन दिनों क़स्बा वासी ही रामलीला खेलते थे।रुपईडीहा कस्बे के वरिष्ठ पत्रकार मनीराम शर्मा उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि मैं राम व डॉ0 सनत कुमार शर्मा लक्ष्मण की भूमिका अदा करते थे।यही नहीं श्रवण कुमार व वीर अभिमन्यु नाटक में भी लीड रोल अदा करते थे।दस दिनों पूर्व कस्बे में रिहर्सल शुरू ही जाता था।स्वर्गीय देव नारायण शुक्ल स्वर्गीय ओम प्रकाश अग्रवाल व स्वर्गीय शिव प्रसाद वैश्य भी रिहर्सल में शामिल रहते थे।इन सभी गतिविधियों के कारण कस्बे के युवाओं में जागरूकता रहती थी।सीखने की ललक रहती थी।वर्तमान में संचार सुविधाओं के कारण यह सब गतिविधियां बन्द हो चुकी है।जिससे एक शून्य से स्थापित हो चुका है।

About CMD NEWS

Check Also

रानी शांति देवी सिटी इंटरनेशनल स्कूल, बाराबंकी के पांच छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम किया गौरवान्वित

रिपोर्ट आशीष सिंह  रानी शांति देवी सिटी इंटरनेशनल स्कूल, बाराबंकी के पांच छात्रों ने राष्ट्रीय …

Leave a Reply