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ट्रेनी आईएफएस अधिकारी ने चकिया वन रेंज के वन्य जीवों एवं वनों की सुरक्षा के लिए बनाई शीत प्रबंधन योजना।

ब्यूरो रिपोर्ट- एम.असरार सिद्दीकी।

मिहींपुरव/बहराइच- प्रत्येक वर्ष ठंड के मौसम में कुहासें की वजह से जंगली जानवरों के अवैध शिकार एवं बेशकीमती लकड़ियों के अवैध कटान सहित वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियां अत्यधिक बढ़ जाती हैं। कड़ाके की ठिठुरन भरी ठंड में जंगलों में जलौनी लकड़ी आदि के आसान उपलब्धता के कारण जंगल के समीपवर्ती गांवों की आबादी का वन्य क्षेत्र पर दबाव भी काफी बढ जाता है। चकिया वन रेंज में बेशकीमती लकड़ियों के अवैध कटान व वन जीवों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेनी आईएफएस अधिकारी चिंतन डूबरिया ने बनाई शीत बंधन योजना बनायी है ताकि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। आईएफएस अधिकारी चिंतन डूबरिया ने बताया कि सर्दियों में जलौनी लकड़ियों की मांग बढ़ जाती है। आस पास के ग्रामीण भी अपनी जरूरतों के लिए लकड़ी बीनने जंगलों की ओर रुख करते है। इसी की आड़ में अवैध कटान करने वाले लोग भी जंगलों में प्रवेश कर जाते है और बेशकीमती लकड़ियों का अवैध कटान करते है। जंगलों के अवैध कटान को रोकने के लिए हमने 8 बिंदु तैयार किये है जिससे जंगली जानवरों की सुरक्षा के साथ ही अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सके। वही उन्होंने बताया कि हमारे वनाधिकारी समय समय पर रेंज के अधिकारियों एवं एस.एस.बी. की संयुक्त टीम के साथ पेट्रोलिंग भी करेंगे जिससे अवैध गतिविधियों पर रोकथाम लगाया जा सके। आठ बिंदुओं पर तैयार किए गए प्लान में संवेदनशील जगहों पर ज्यादा निगरानी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही अस्थाई चौकियों का निर्माण करना शामिल है। वही पास के ग्रामीणों से बात कर के उनके अंदर जंगली जानवरों के प्रति मानवीय संवेदना जगाने के साथ ही वनाधिकारियों के प्रति विश्वास जगाने संबंधी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा जंगल से सटे सीमावर्ती गावों के ग्रामीणों की सुरक्षा के साथ ही वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा करना ही हमारी पहली प्राथमिकता होगी। डूबरिया ने बताया कि जंगल का अधिकांश हिस्सा नेपाल बॉर्डर से सटा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ नेपाली नागरिक हमारी सीमा में प्रवेश कर जाते है और जंगल में अवैध गतिविधियां करके वनों को नुकसान पहुंचाने का कार्य करते | वही उन्होंने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए एक संयुक्त बैठक में वार्ता करुंगा जिससे इस समस्या का हल निकाला जा सके। वही उन्होंने बताया कि चकिया वन रेंज बहुत ही पिछड़ा ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण रेंज तक आने के लिए सुगम सड़कें नही है जिससे रेंज आने के लिए बरसात में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हमारे अधिकारी जब पेट्रोलिंग करने के लिए जाते है तो उनकी गाड़ियां फस जाती है जिससे जंगली जानवरों से लगातार खतरा बना रहता है। डोबरिया ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार परक योजनाओं को बढ़ावा देने का प्रयास करूंगा। जिसके अंर्तगत समय समय पर वृक्षारोपण, सड़कों के मरम्मत का कार्य किया जायेगा और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन देकर आस पास के ग्रामीणों को रोजगार देने का कार्य किया जायेगा ताकि ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इस अवसर पर चकिया वन क्षेत्राधिकारी रामविलास सिंह यादव, वन दरोगा प्रदीप कुमार, राजेंद्र यादव, जोगनिया ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम सूरत यादव आदि भी उपस्थित रहे |

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