जन्मदिन के बहाने घर बुलाकर बदमाश ने 25 बच्चों को बनाया बंधक, पुलिस पर फेंका हैंड ग्रेनेड, ATS रवाना
cmdnews
30/01/2020
प्रमुख खबरें, फरुखाबाद
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फरुखाबाद
👉बच्चों को घर में कर रखा है कैद।
👉घर के अंदर से आ रही है महिलाओ की भी आवाज।
👉एसपी समेत जिले एस.ओ.जी.बच्चो के रेस्क्यूमें लगी ।
👉मौके पर जिलाधिकारी भी पहुचे।
👉बच्चो को 7 घंटे से नही किया जा सका रेस्क्यू।
👉लगातार फायरिंग करने से प्रशासन समेत ग्रामीणों में दहसत का माहौल।
👉कई दर्जन पुलिस कर्मियों को छत के ऊपर गया है लगाया।
👉बच्चो को तकरीबन 7 घंटे से बंद किये है युवक।
👉घर को सिलेंडर से उड़ाने की दे रहा धमकी।
👉मौके पर स्थानीय पुलिस समेत ग्रामीणों का हाल बेहाल।
👉सीएम ने मामले का लिया संज्ञान।
👉सभी बच्चो की सुरक्षा बेहद जरूरी।
एम0असरार की खास रिपोर्ट
खबर विस्तार से:-
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में एक शातिर अपराधी ने गुरुवार शाम जन्मदिन के बहाने 25 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक सकते में आ गया। घटना जिले के मोहम्मदाबाद कोतवाली स्थित करथिया गांव की है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस पर बदमाश ने पहले गोलियां चलाई फिर हैंड ग्रेनेड से हमला कर दिया। जिसमें इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। समझाने पहुंचे विधायक पर भी उसने फायरिंग की जिससे एक ग्रामीण घायल हो गया। ए.डी.जी. लॉ एंड ऑर्डर पीवी रामशास्त्री ने बताया कि क्विक रिस्पॉन्स टीम और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम मौके पर मौजूद है। एटीएस भी पहुंच रही है।
करथिया गांव निवासी सुभाष बाथम एक शातिर बदमाश है। उसने गुरुवार दोपहर घर पर अपनी बेटी गौरी का जन्मदिन होने के नाम पर गांव के बच्चों को बुलाया था। दोपहर तीन बजे तक उसने गांव के 25 बच्चों को इकट्ठा कर लिया। फिर उसने सभी बच्चो को घर में बंद कर लिया। काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे तो पड़ोसी आदेश की पत्नी बबली अपनी पुत्री खुशी और बेटे आदित्य को बुलाने के लिए उसके घर पहुंच गई। उसने दरवाजा खटखटाया तो सुभाष ने खोलने से मना कर दिया। जब उसने ज्यादा जिद की तो उसने कहा कि पहले गांव के लालू को बुलाकर लाओ। जब उसने मना किया तो वह गाली गलौज करने लगा। इस पर बबली अपने घर आई और परिजनों को जानकारी दी। गांव वालों ने पुलिस को खबर दी। सूचना पर गांव पहुंची यूपी 112 के जवानों ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। कहा कि अपनी समस्या बताओ उसका निदान किया जाएगा। लेकिन उसने तब भी दरवाजा नहीं खोला।