मिहींपुरवा ब्लॉक संवाददाता महेश तिवारी की रिपोर्ट
बता दें कि 2015 में आई बाढ़ के बाद गांव की हालत बद से बदतर हो गई है।
विकास खंड मिहीपुरवा अंतर्गत आम्बा न्याय पंचायत के ग्राम रमपुरवा स्थित प्राथमिक विद्यालय रमपुरवा द्वितीय आज कल उपेक्षा का दंश झेल रहा है 2015 में नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी के बाद विद्यालय परिसर में बाढ़ का पानी पूरी तरह भर गया था जिसका आलम यह था कि कुछ ही दिन में विद्यालय के छत में दरार पड़ गयी । जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है । लॉकडाउन के पहले से बच्चे इस जर्जर विद्यालय में मजबूरन पढ़ाई कर रहे थे । विद्यालय में खिड़कियां दरवाजे पूरी तरह से टूटे हुए है फर्श भी टूटी हुई है । छतिग्रस्त विद्यालय में ग्रामीण अपना आशियाना बनाये हुए हैं । आम्बा न्याय पंचायत के पूर्व संकुल प्रभारी श्याम पाल चौधरी ने बताया की विद्यालाय की जर्जर हालत की सूचना बी एस ए को दी जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता ।
ज्ञात हो कि रमपुरवा गाँव भारत नेपाल सीमा स्थित जंगल क्षेत्र से सटा हुआ है यहां से नेपाल की दूरी मात्र 3 किलोमीटर है और प्रति वर्ष नेपाल के पहाड़ो पर ज्यादा बारिश होने की वजह से नाले नदी का पानी गांव में प्रवेश कर जाता है जिससे कि गाँव फ़क़ीरपुरी, आम्बा, बर्दिया पूरी तरह बाढ़ में डूब जाते है।
जिससे गांव के लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है उससे लोगों को बड़ी ही परेशानी का सामना करना पड़ता है सरकार को इस पर गौर करना होगा की गांव वाले इस परेशानी से मुक्ति पा सके
सूत्रों ने बताया की अगर हम गांव वालों पर सरकार मेहरबान होती है तो हमारे गांव के बाल बच्चे सरकार को बहुत दुआ देंगे।