नानपारा-बहराइच। जहां एक ओर देष के अनेकों डा0 कोरोना जैसी वैष्विक महामारी से भारत की जनता को बचाने के लिए दिन रात एक कर अपने जान की बाजी लगाये एक कर रहे हैं निष्चय ही वे ई्रष्वर स्वरूप हैं। वहीं दूसरी तरफ डाक्टरो की छवि को धूमिल करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नानपारा में डाक्टरों की छवि धूमिल करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है। आपको बताते चले कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नानपारा में अलग बिना फीस के डाक्टर नहीं देखते हैं। जब मरीज जाता है तो कहा जाता है कि इस समय कोरोना में ड्यूटी है और ओ0पी0डी अस्पताल बन्द है। फीस लेकर मरीज को आवास पर देखा जायेगा। भुक्तभोगी आनन्द ने बताया कि उनकी पत्नी संगीता गर्भवती हैं और अचानक पेट में दर्द हुआ। टीका भी नहीं लगा था वह अपने पत्नी को लेकर पहले महिला चिकित्सालय में गये जहां लगभग सुबह 11 बजे टीका लगा और उन्हें दर्द के लिए सीएचसी नानपारा तैनात महिला डाक्टर को दिखाने के लिए कहा गया। लगभग सुबह 11.30 पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नानपारा में स्थित डा0मीनाक्षी आवास पर दिखाया गया। डा0मीनाक्षी के आवास पर डा०आशा साहू ने देखा और संगीता के पति आनन्द से 100 रूपये फीस लिया जब इस सम्बन्ध में पत्रकारों द्वारा डा0मीनाक्षी से बात किया गया तो उन्होंने ने बताया कि यह मेरा पर्चा नहीं है डा0 आषा ने देखा है जबकि डा0मीनाक्षी के ही आवास पर 100 रू0 फीस लेकर डा0आषा साहू द्वारा देखा गया जिससे डा0मीनाक्षी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। वार्ता के दौरान डा0पारूल यादव ने पत्रकारों के साथ अव्यवहार करते हुए कहा कि यह अस्पताल है कोई मन्दिर नहीं है जो जब चाहे दिखाने चला आये और फी्र सेवा की जाय इडिएट कहीं के चले आते हैं। तभी डा0मीनाक्षी व डा0आषा के समक्ष डा0 पारूल ने कहा कि यह मन्दिर नहीं है जब चाहे चले आये लगता इलाज फ्री में हो रहा है यह सुनकर पत्रकार भी अचम्भित हो गये। यह सुनने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि सीएचसी नानपारा की स्थिति दयनीय है।
डॉ पारुल यादव द्वारा अभी कुछ ही दिन पूर्व एक मरीज का इलाज ना करने का प्रकरण सामने आया था जिसमें परिजन व मरीज के शिकायत के बाद पत्रकार द्वारा जब सवाल खड़ा किया गया तो कथित रूप से कहा गया कि जो भी खबर चलायेगा उसको झूठे मुकदमे में फसा दिया जाएगा जिससे वह पत्रकार भयभीत हो अपनी मान मर्यादा व घर परिवार की इज्जत को ध्यान रखते हुए खबर ना चला सके आखिर कब तक पत्रकारों को भयभीत कर अभद्रता किया जाएगा सीएससी नानपारा में कब तक इन महिला डॉक्टरों की दबंगई चलती रहेगी,
इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी बहराइच से संवाददाता ने दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि अभी डाक्टर से बात करते हैं। अब प्रष्न यह उठता है कि यदि कोई सरकारी डाक्टर के आवास पर कोई अन्य देखता है तो इसका जिम्मेदार कौन है क्या उस आवास में रहने वाले डा0की मिलीभगत नहीं है क्या मुख्य चिकित्साधिकारी इस प्रकरण का संज्ञान लेकर आवष्यक कार्यवाही करेंगे या महिला डाक्टरों की लूट व दबंगई सीएचसी नानपारा पर जारी रहेगी।
रिपोर्ट: राम फेरन विश्वकर्मा