जहां एक ओर देश की जनता भूखमरी, नकदी और बीमारी की वजह से परेशान बेहाल है वहीं दूसरी ओर अपने ही देश के कोटेदार और प्रधान अपनी ग्राम सभा के लोगो के लिए कोई विशेष ध्यान नही दे रहे बस अपना पेट भरने में लगे हैं जबकि अपने देश के माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा देश की जनता के लिए भरशक प्रयास कर रहे हैं भारत की 135 करोड़ की आबादी किसी भी कष्ट का सामना ना करे लेकिन शासन प्रशासन अपने देश के प्रधानमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं । जनता का कोई खास खयाल नही किया जा रहा ये खबर भारत के उत्तर प्रदेश के एक जिला बहराइच के ब्लॉक नबाबगंज अंतर्गत ग्राम सोरहिया वीरपुर सोरहिया में सरकारी राशन विक्रेता कमला प्रसाद आर्या राशन वितरण जनता में न करके अपने ही व्यक्तिगत लाभ के लिए वितरण करते हैं कम राशन देना बार बार कई दिनों तक दौड़ाना फिर महिला को रात 9 बजे राशन देने के लिए बुलाना कोटेदार की पहचान बन गयी हैं और यह सब तब हो रहा हैं जब पूरा देश कोरोना वायरस कोविड 19 से लड़ रहा हैं,
ग्राम प्रधान द्वारा ना ही किसी को आवास और न ही किसी जरूरतमंद को शोचलाय दिया गया लोगो को गुमराह कर उनके खाते से रुपए निकाल कर प्रधान द्वारा खा लिया गया है वृद्धा रो पड़ी और जब ग्राम की गरीब जनता अपने शौचलय के रुपए की मांग करने प्रधान के घर जाती है तो उसे गली ग्लाओज करके मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता है और प्रधान द्वारा ये धमकी दी जाती है कि जिससे शिकायत करनी है कर दो जाकर कहते है कि नीचे से ऊपर तक सभी को रुपए पहुंचते है सभी घुस खोर हैं कोई तुम्हरी सुनवाई नहीं करेगा । कहता है मझे किसी का डर नहीं है तुम लोग मेरा कुछ नहीं कर पाओगे कोटेदार ग्रामीणों को राशन देने से मना करता है और कहता है जिससे मर्जी शिकायत कर दो मेरा कुछ नी होगा मझे सिर्फ 40से 50000 रुपए ही खर्च करने पड़ेंगे सब निपट जाएगा अधिकारियों को केवल रुपए चाहिए बस जनता से उनको कोई लेना देना नहीं जनता राशन मिले ना मिले जनता को शौचालय मिले ना मिले देश के प्रधानमंत्री द्वारा जो योजनाएं जनहित के लिए लागू की गई हैं जनता को उसका लाभ नही मिल पा रहा योजनाएं तो बस योजनाएं ही बन कर रह गई हैं ।।