दिनांक 13/3/2020
गोण्डा।
युवा पुलिस उपाधीक्षक बाबू के पी सिंह कर्तव्यनिष्ठा एवं अदम्य साहस के प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपने सेवाकाल में अन्याय शोषण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष किया और उसी में आप शहीद भी हुए।
उतरौला रोड स्थित शहीद के पी सिंह स्मारक विद्यालय में शुक्रवार को शहीद केपी सिंह के सहादत दिवस पर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए परसपुर विकास मंच के अध्यक्ष व समाजसेवी अरुण कुमार सिंह ने उक्त विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के संयोजक व विद्यालय अध्यक्ष धर्मवीर आर्य ने युवा पुलिस उपाधीक्षक शहीद श्री सिंह के बारे में उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबू के पी सिंह का जन्म 1954 में बलिया जनपद में हुआ था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर वे पुलिस प्रशासनिक सेवा में आए और गोण्डा जनपद में पहली तैनाती मिली। जहां वे 13 मार्च 1982 को कटरा थाना क्षेत्र के गांव माधवपुर में डकैतों के विरुद्ध अभियान में शहीद हो गए। पत्रकार आर जे शुक्ल यदुराय ने शहीद के पी सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए तत्कालीन प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया। किसान सभा के अध्यक्ष राम बुझारत वर्मा ने कर्तव्य की बलिवेदी पर प्राण उत्सर्ग करने वाले शहीदों के पथ पर चलने का आह्वान किया। विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार मिश्र ने पुण्य तिथि पर आए लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय की स्थापना पर मिले सहयोग पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डिप्टी ओझा, गंगाराम , चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव व आकाश श्रीवास्तव अलखराम मौर्य रामभवन वर्मा आदि मौजूद रहे।
संवाददाता सुनील तिवारी