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भारत नेपाल के रोटी बेटी के सम्बंधों को लग रहा है धक्का।

रिक्से व पैदल नेपाल से आई बारात।

ब्यूरो रिपोर्ट- एम.असरार सिद्दीकी
बहराइच- भारत और नेपाल के बीच पुरातन का काल से रोटी-बेटी का संबंध बना हुआ है।भारत व नेपाल के तमाम लोगों की रिश्तेदारी दोनों ओर हैं लेकिन कोरोना महामारी में बॉर्डर सील होने से दोनों देशों के लोगो के लिए मुश्किल खड़ी कर दी ।
कोई अपनो से नहीं मिल पा रहा है तो किसी की शादी टल गई लेकिन बॉर्डर की सीमा पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला कि एक दूल्हा बच्चे के संग रिक्शे पर बैठकर भारतीय सीमा में शादी के लिए जैसे पहुंचा लोगो की भीड़ लग गई ।
दूल्हे ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि मेरा नाम रफीक है मै नेपाल के भंडरिया गांव जिला बांके नेपाल का रहने वाला हूं । बॉर्डर सील होने की वजह से मेरी शादी टाल दी गई थी जिसकी वजह से दुल्हन पक्ष के लोगों में भय सताने लगा था इसी को देखते हुए आज मैं रिक्शे से शादी के लिए आया हूं सीमा पर सामान्य आवागमन नहीं होने की वजह से बरात लाने की इजाजत नहीं थी तो इसलिए मेरे परिवार के लोगों ने मुझे रिक्शे से भेज दिया । नेपाल की ओर से निरंतर सीमा सील रखे जाने के कारण रोटी बेटी के सम्बन्ध पर असर भी साफ दिखाई दे रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण नेपाल से रिक्शे पर अकेले आए दूल्हे के रूप में देखा जा सकता है ।
ऐसी दुश्वारियां होने के कारण भारत नेपाल के रोटी बेटी के संबंधों पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। इतनी विषम परिस्थितियों में रोटी बेटी के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए लोग अब पुनर्विचार करने को मजबूर है क्योंकि बॉर्डर की स्थिति असामान्य है ऐसे में स्वस्थ रिश्ते की परिकल्पना नहीं की जा सकती।

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