रिपोर्ट सुनील तिवारी सीएमडी न्यूज
नई शिक्षा नीति अपनाने की आवश्यकता पर जोर-जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल
दिनांक -16-12-2024 गोंडा लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नई शिक्षा नीति के रूप में देश को एक अनमोल तोहफा दिया है। उन्होंने इस नीति को शिक्षा प्रणाली में आमूल परिवर्तन का आधार बताया।
उपराज्यपाल ने कहा, “दुर्भाग्यवश, हमारे देश की शिक्षा प्रणाली पिछले दशकों में बदलाव से अछूती रही। जहां संगीत सुनने के उपकरणों में तीन दशकों में बड़ा बदलाव हुआ है, वहीं हमारी शिक्षा प्रणाली पुरानी स्थिति में अटकी रह गई थी।”
उन्होंने शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित न रखकर ज्ञान और कौशल के विकास का साधन बताया। श्रीनिवास रामानुजम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “रामानुजम जैसे महान गणितज्ञ के पास कोई औपचारिक डिग्री नहीं थी, लेकिन उनका योगदान विश्वभर में अमूल्य है। इसका अर्थ है कि शिक्षा केवल औपचारिक प्रमाण पत्रों तक सीमित नहीं होनी चाहिए।” उपराज्यपाल ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “संतोष का भाव सृजन के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध है। हमें अपनी सोच को सीमित न रखते हुए मन और मस्तिष्क की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए। केवल इसी तरह हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।”
सत्य सरोज फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम के छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षकों को उनके योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा, पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल, कॉलेज प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह, सचिव उमेश शाह, तथा प्राचार्य प्रो० रविंद्र कुमार पांडेय ने उपस्थित होकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षा ही बदलाव का असली मंत्र है। यह न केवल व्यक्तित्व निर्माण करती है, बल्कि समाज और देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो० रवीन्द्र कुमार पांडेय, प्रो० जितेंद्र सिंह, प्रो० आरबीएस बघेल, प्रो० शैलेंद्र नाथ मिश्र, डॉ० रेखा शर्मा, प्रो० वीपी सिंह, प्रो० श्रवण श्रीवास्तव सहित कई शिक्षकगण उपस्थित रहे। सभी ने शिक्षा को समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी साधन बताया। कार्यक्रम के समापन के दौरान सभी ने इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति और शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ही समाज में बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगा। सत्य सरोज फाउंडेशन के आयोजकों ने कहा कि छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित करना उनकी मेहनत को सराहने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का महत्वपूर्ण कदम है।
इस दौरान महाविद्यालय की अमन चंद्रा, रेखा शर्मा, चमन कौर, रंजन शर्मा, शरद कुमार पाठक, श्याम बहादुर सिंह, जे बी पाल,अभय श्रीवास्तव , विजय सिंह, रामभवन सिंह, राजकुमार माथुर, शतीश दीक्षित, संदीप श्रीवास्तव, अरुण प्रताप सिंह,पुष्य मित्र मिश्र, शिशिर त्रिपाठी, जय शंकर तिवारी,आदि प्रोफेसर और कर्मचारी उपस्थित रहे।