Breaking News
Home / CMD NEWS E-NEWSPAPER / बाराबंकी;कोरोना वायरस के नाम पर बच्चों का भविष्य अंधकारमय हुआ : डॉ0 फरजाना शकील।
[responsivevoice_button pitch= voice="Hindi Female" buttontext="ख़बर को सुनें"]

बाराबंकी;कोरोना वायरस के नाम पर बच्चों का भविष्य अंधकारमय हुआ : डॉ0 फरजाना शकील।

कोरोना वायरस के नाम पर बच्चों का भविष्य अंधकारमय हुआ : डॉ0 फरजाना शकील।

आशीष सिंह।। Cmd nwes

बनीकोडर, बाराबंकी।।  प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की राष्ट्रीय सलाहकार डॉ फरजाना शकील अली ने वार्षिक परीक्षा से पहले बच्चों की स्कूल बंदी से बच्चों की शिक्षा में आये विघ्न पर चिंता जताते हुए बताया कि आज राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद श्यामल अहमद के आह्वान पर आज पूरे देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विद्यालय खोलने की मांग की गई है।
आज एसोसिएशन के सभी प्रतिनिधियों ने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता दर्शाई एवं भारत के माननीय प्रधानमंत्री एवं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हिंदुस्तान के नौनिहालों की शिक्षा एवं भविष्य को सुरक्षित करने की गुहार लगाई उन्होंने कहा विद्यालयों को कोरोनावायरस के नाम पर बंद रखना सरासर बच्चों के उज्जवल भविष्य को जानबूझकर अंधकार में झोकना है,वहीं उन्होंने वर्ल्ड बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक सावेद्र जी द्वारा स्पष्ट रूप से कही गई बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है के विद्यालय खोले जाने से वायरस के प्रसार का कोई संबंध नहीं अत: विद्यालय को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है उन्होंने कहा इस बात का कोई सबूत नहीं कि विद्यालयों को फिर से खुलने से कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि हुई है अतः बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करते हुए अतिशीघ्र विद्यालय खोलने का संकल्प लें।
सरकार द्वारा बच्चों के टीकाकरण अभियान को सफल बनाने हेतु भी विद्यालयों को खोलने की मांग की है जिससे सभी 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीका लग सके।
उन्होंने कहा प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर सुंदर स्वस्थ व शिक्षित भारत के सपने को पूरा करने में तत्पर है प्रत्येक राज्य के सभी निजी विद्यालय सरकार को हरसंभव सहयोग कर टीकाकरण अभियान को सफल बनाएंगे वस्तुतः 15 से 18 वर्ष के बच्चों का शत-प्रतिशत कोविड-19 का टीकाकरण बगैर विद्यालय को खोले संभव हो पाना कठिन है।
पिछले लाकडाऊन में अधिकतम बच्चों की अठ्ठारह माह की शिक्षा का नुक़सान हुआ था जिसकी भरपाई कर पाना एक चैलेंज है। आनलाइन शिक्षा की सुविधा होने पर भी स्मार्टफोन के या इंटरनेट के अभाव से बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं।
सभी विद्यालय कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं और बच्चों की शिक्षा सर्वोपरि है। हम अपने बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं कर सकते।

About Anuj Jaiswal

Check Also

रानी शांति देवी सिटी इंटरनेशनल स्कूल, बाराबंकी के पांच छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम किया गौरवान्वित

रिपोर्ट आशीष सिंह  रानी शांति देवी सिटी इंटरनेशनल स्कूल, बाराबंकी के पांच छात्रों ने राष्ट्रीय …

Leave a Reply