रिपोर्ट- एम.असरार सिद्दीकी।
बहराइच- भारत- नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के ब्लॉक नवाबगंज के अन्तर्गत ग्राम पंचायत केवलपुर के मजरा रूपईडीहा कस्बे मे चकिया रोड के निकट स्थित राम जानकी राइस मील मे वर्षों से स्थापित चर्चित शिव मंदिर को तोडकर मैरिज हाल बनाने की हिंदू संगठनों की शिकायत को कैरियर मार्ग दर्शक समाचार पत्र (CMD News) ने 07 जुलाई को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था।
जिस पर आखिरकार प्रशासन ने संज्ञान में ले ही लिया तथा जांच करने के लिए नायब तहसीलदार नानपारा मनीष वर्मा अपने दल बल के साथ रुपईडीहा थाना पहुँचे।जहाँ स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक कर अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद बहराइच के संरक्षक बृज नरेश श्रीवास्तव व अन्य पदाधिकारियों के बयान दर्ज किया। साथ ही समिति से जुड़े लोगों का संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कराया। लोगों के बयान दर्ज होने के बाद नायब तहसीलदार श्री वर्मा ने दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने का आश्वाशन दिया।तत्पश्चात नायब तहसीलदार श्री वर्मा अपने दल बल के साथ राम जानकी राईस मिल मे पहुंचे जहाँ देखा गया कि एक शटर के अन्दर शिव मंदिर की सभी खंडित मूर्तियों बन्द पड़ी हुई हैं। शटर उठवा कर देखा गया तो उसके अन्दर भगवान हनुमान एवं शंकर जी की शिवलिंग सहित मंदिर सम्बंधित अवशेष सामान पाया गया।
तथा शिव मंदिर परिसर के क्षेत्र में एक अंडर ग्राउंड मैरिज हाल का प्रथम तला बन चुका है। और उसके उपर बनाने की तैयारी चल रही है। वहीं पर समिति के लोगों ने जय बजरंगबली जय बाबा भोले शंकर का जयकारा लगाकर पुराने स्थल पर शिव मंदिर बनाने का संकल्प दोहराया तथा एक साथ सभी ने कहा की शिवमंदिर जहां था वहीं बनेगा अन्यत्र कहीं नहीं बनेगा। दरअसल दिलचस्प तथ्य यह है कि इस जमीन पर केवलपुर ग्राम सभा ग्राम प्रधान (रुपईडीहा) द्वारा श्री राम जानकी राइस मिल परिसर की लगभग 65 बीघा जमीन ग्राम सभा का होना बताया था जो आबादी मे दर्ज है। इसी को लेकर ग्राम प्रधान ने सक्षम न्यायालय में एक बाद दायर गोपाल हवेलिया के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसे बाद में न जाने किन कारणों से मुकदमा वापस कर लिया।
जो ग्राम सभा की सरकारी भूमि को हड़पने का रास्ता साफ हो गया।जमीन को अपना दर्शाने के लिए जवाब में गोपाल हवेलिया ने वर्ष 1935 में श्री राम जानकी राईस मिल की स्थापना किया जाना तथा सन 1973 तक राईस मिल का संचालित होने का दावा किया। इतना ही नहीं गोपाल हवेलिया ने अपने बयान में यह भी कहा है कि शिव मंदिर परिसर में हमारे पूर्वजों द्वारा निर्मित भगवान शंकर व हनुमान जी का विशाल मंदिर बना हुआ था। जो यह दावा करता है कि परिसर में शिव मंदिर था लेकिन उस पौराणिक शिव मंदिर को तोड़ने का सरकारी अनुमति के बगैर कैसे तोड़ कर मूर्तियों को एक शटर के अंदर बन्द कर दिया। इस शिव मंदिर मे प्रतिदिन रूपईडीहा कस्बे के भक्त पूजा पाठ करते थे। मूर्तियों को तोड़े जाने व शटर के अंदर बन्द करने के कारण हिंदू जनमानस की भावना को गहरा आघात पहुचा है।गौरतलब है कि जिस शिव मंदिर के ही सहारे गोपाल हवेलियां ने न्यायालय में अपना पक्ष रख कर रूपईडीहा थाने मे तैनात पूर्व थाना प्रभारी आलोक राव व तहसील नानपारा के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से अरबो रुपयो की बेशक़ीमती जमीन को बेचा जा रहा है।और शिव मंदिर के अस्तित्व को समाप्त कर मैरिज हाल बन रहा है।यह कैसा अन्याय है।
अब उसी शिव मंदिर को गोपाल हवेलिया व बिल्डर विनोद सिंघानिया ने लॉक डाउन का फायदा उठाते हुए विगत 6 माह पूर्व शिवमंदिर से मंदिर के अस्तित्व को समाप्त कर मैरिज हाल का निर्माण करना शुरू कर दिया। जिसके कारण रूपईडीहा कस्बा व क्षेत्रीय जनता में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में देते हुए मंदिर निर्माण संघर्ष का एलान कर दिया। दूसरी तरफ बलरामपुर स्टेट ने हवेलिया परिवार के नाम पर लीज पर देना बताया जा रहा हैं। जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है। दूसरी तरफ यह जमीन केवलपुर ग्रामसभा की है जो आबादी मे दर्ज है। इस सरकारी भूमि को क्रय विक्रय नहीं किया जा सकता है। उसके बावजूद भी इस जमीन को प्लाटिगं करके 4 हजार रुपये से लेकर 5 हजार रुपयें इसक्वायर फिट बेचा जा रहा हैं। जिसका बैनामा दाखिल ख़ारिज भी नहीं हो रहा है।
राजस्व विभाग जमीन को विवादित दर्शाते हुए रजिस्ट्री भी हो रही है। जो एक तरफ धोखा भी है कि सरकारी जमीन को बेचा जा रहा है। फिर इसका जिम्मेदार कैन हैं। सरकार हैं कि जनता। इस बैठक में समिति के पदाधिकारी रमेश कुमार अमलानी,ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मो जुबेर फारूकी, जगदीश कौशल, मुनीष नारायण शर्मा, जगदीश कौशल, रतन अग्रवाल, विजय कुमार सिंह, दिलीप कौशल, कमलेश जयसवाल आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।