बीकेटी लखनऊ स्थित माँ चंद्रिका देवी मंदिर जहाँ पर माँ के आगे सब जीव – मनुष्य बराबर है।
यहाँ प्रतिदिन एवं त्यौहार के समय लाखों भक्त आते हैं तथा लंबी कतार लगा कर, घंटों खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हैं तब जाके कहीं उनका नंबर आता है।
यहाँ पर भक्तों की खूब आस्था और श्रद्धा है।
वहीं यहाँ मंदिर के सेवादार कुछ रूपियो के लिए लोगों को वीआईपी व्यवस्था देते हैं और लाखों लोगो के घंटों प्रतीक्षा और विश्वास पर पानी फेर देते है।
जिससे लोगों में आक्रोश भर जाता है तथा कभी भी लोक-शांति भंग हो सकती है और इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी यहाँ पर लगे पुलिस व्यवस्था पर जाएगा क्योकि यहाँ के पुलिस कर्मी खड़े होके ये सब देखा करते और कोई कार्यवाही नहीं करते।
यहाँ के सेवादार बाहर खड़े होके लोगों से वीआईपी दर्शन करवाने का मनमाना रुपया लेते है और सभी भक्तों के आस्था और विश्वास के साथ खिलवाड़ करते हैं।
प्रश्न यहाँ के जिम्मेदार अधिकारियों पर उठता है की जिस स्थान से लाखों करोड़ो भक्तों की आस्था जुड़ी हो वहाँ ऐसे कार्य क्यो होते दे रहे हैं।
क्या पुलिस विभाग भी मंदिर के तुच्छ कर्मियों से मिले हुए हैं?
क्या पुलिसकर्मी भी कुछ हिस्सा लेते हैं?
और अगर ऐसा नहीं है तो पुलिसकर्मी खड़े होके क्यो ऐसा घृणित कार्य होते देखा करते है और अपना साथ भी देते है।
यहाँ प्रश्न किसी वीआईपी को लेकर नहीं, लोगों की आस्था और विश्वास से है।
रिपोर्ट- मुकेश श्रीवास्तव