Breaking News
Home / Uncategorized / BREAKING NEWS / बदायूँ: जिलाधिकारी मनोज कुमार की अध्यक्षता में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अभियान ‘‘पानी नही, केवल स्तनपान अभियान”
[responsivevoice_button pitch= voice="Hindi Female" buttontext="ख़बर को सुनें"]

बदायूँ: जिलाधिकारी मनोज कुमार की अध्यक्षता में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अभियान ‘‘पानी नही, केवल स्तनपान अभियान”

बदायूँ : 15 मई। जिलाधिकारी मनोज कुमार की अध्यक्षता में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अभियान ‘‘पानी नही, केवल स्तनपान अभियान‘‘ (आयोजन दिनांक 01 मई से 30 जून) के सफल आयोजन के लिए बाल विकास विभाग एवं समस्त कन्वर्जेन्स विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायतीराज विभाग, बेसिक एवं उच्चषिक्षा विभाग, आजीविका मिशन, खाद्य एवं रसद, ग्राम विकास विभाग एवं डवलमेन्ट पार्टनस के अभिमुखिकरण हेतु जूम बैठक/प्रषिक्षण का आयोजन किया गया, आयोजन का आरम्भ जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रमोद कुमार सिंह द्वारा किया गया। पानी नही, केवल स्तनपान अभियान का प्रषिक्षण विशेषज्ञ चिकित्सक/जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ असलम द्वारा दिया गया।
शिशु की 6 माह की आयु तक ‘‘शीघ्र व केवल स्तनपान‘‘ उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यन्त आवष्यक है, परन्तु समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण 6 माह तक ‘‘केवल स्तनपान‘‘ सुनिष्चित नहीं हो पाता है, बल्कि परिवार के सदस्यों द्वारा शिशु को घुट्टी शहद चीनी का घोल आदि का सेवन करा दिया जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप शिशुओं में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते है, जोकि शिशु के स्वस्थ जीवन के लिए अत्यन्त घातक सिद्व होता है। शोध में पाया गया है कि शिशुओं को केवल स्तनपान कराने में, माँ के दूध के साथ-साथ पानी पिलाना, प्रमुख बाधाओं में से एक है, और यह व्यवहार गर्मियों में बढ़ जाता है। माँ के दूध में अन्य पोष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है और शिशु ।की पानी की आवष्यकता केवल स्तनपान से पूरी हो जाती है। अतः शिशु को 6 माह तक उपर से पानी देने की आवष्यकता नहीं होती है। ऊपर से पानी देने से शिशु में संक्रमण की सम्भावना बढ़ जाती है, और उसकी मृत्यु भी हो सकती है। मॉ का दूध शिशु के लिए अमृत के समान है। शिशु एवं बाल मृत्यु दर मे कमी लाने के लिए यह आवष्यक है कि जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान प्रारम्भ करा देना चाहिए व उसके छः माह कि आयु तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। परन्तु समाज मे प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण केवल स्तनपान सुनिष्चित नहीं हो पाता है। मॉ एवं परिवार को लगता है कि स्तनपान शिशु के लिए पर्याप्त नहीं है। कुछ माओं को लगता है कि शिशु की आवष्यकतानुसार उन्हें दूध नहीं बन रहा है और वह शिशु को अन्य चीजें पिला देती हैं। शिशु के भूखा और प्यासा रहने की आषंका में उसे घुटटी, शर्बत, शहद, पानी आदि पिला दिया जाता है। स्तनपान से ही शिशु की पानी की भी आवष्यकता पूरी हो जाती है, क्योंकि मॉ के दूध में 90 प्रतिषत पानी की मात्रा होती है। षिषु के प्यासा रहने की आषंका मे मॉ और परिवार द्वारा उसे पानी देने का प्रचलन गर्मियां (विषेषकर मार्च से अगस्त माह) मे बढ़ जाता है। अतः शिशुओं मे केवल स्तनपान सुनिष्चित नहीं हो पाता। साथ ही शिशु में दूषित पानी के सेवन से संक्रमण होने के कारण दस्त आदि विभिन्न बीमारियॉ होने की भी संभावना बढ़ जाती है। मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा समस्त उपजिलाधिकारी को निदेर्षित किया गया कि वह ब्लाकवार इस अभियान की साप्ताहिक समीक्षा करें। जिलाधिकारी महोदय द्वारा बताया गया कि उक्त अभियान की सफलता आषा एवं ऑगनबाड़ी के सहयोग से जन मानस के बीच स्तनपान को लेकर फैली हुई गलत अवधारणायें दूर कर ही की जा सकती है। इस कार्यक्रम में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान है। अतः इस अभियान की प्रगति नियमित रूप से मीडिया के साथ साझा की जाये।
‘‘पानी नही, केवल स्तनपान अभियान‘‘ के अभिमुखिकरण में मुख्य विकास अधिकारी एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं समस्त चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, बेसिक षिक्षा अधिकारी एवं समस्त खण्ड षिक्षाधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, डवलपमेन्ट पार्टनस यू0पी0टी0एस0यू0 आदि के द्वारा भाग लिया गया।

बदायूँ से हरिशरण शर्मा

About cmdnews

Check Also

भाजपा मंडल कार्यशाला में सक्रिय सदस्यता पर जोर

रिपोर्ट राज कुमार पांडेय CMD न्यूज बस्ती  भाजपा मंडल कार्यशाला में सक्रिय सदस्यता पर जोर …

Leave a Reply