👉मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से किया 5000 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का लोकार्पण।
👉जनपद को सर्वाधिक 296 स्वास्थ्य उपकेन्द्र की मिली सौगात।
👉सांसद ने शिलालेख का अनावरण कर किया उद्घाटन।CMD NEWS// REAPORT: AMRESH KUMAR RANA
बहराइच// दूरस्थ क्षेत्रों में भी घर के पास मिलेंगी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएँ
जीवन रक्षक टीकों सहित माँ बच्चों की होगी बेहतर देखभाल
चित्र संख्या 01 से 04 तक तथा फोटो कैपशन
बहराइच 05 दिसम्बर। आम जनमानस को घर के पास ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 5000 नवीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया गया। जिसमें जनपद बहराइच को सर्वाधिक 296 नवीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सौगात मिली है। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद बहराइच अक्षयवर लाल गोंड द्वारा विधायक सदर श्रीमती अनुपमा जायसवाल व बलहा की श्रीमती सरोज सोनकर के साथ नवीन स्वास्थ्य उपकेन्द्रों के शिलालेख का अनावरण किया गया। इस अवसर पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत चंद्रा, एसीएमओ डॉ योगिता जैन, डीसीपीएम मोहम्मद राशिद, डीपीएम सरजू खान, एनसीडी से विवेक श्रीवास्तव , ट्विटर इंचार्ज कामिनी शुक्ला, परिवार नियोजन विशेषज्ञ यूपी टीएसयू, वरिष्ठ सहायक अभिषेख रंजन व जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह मौजूद रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 1977 में दिए गए नोटिफिकेशन के अनुसार 5000 की आबादी पर एक स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्थापना की जानी थी। वर्तमान में बढ़ी हुई जनसँख्या को देखते हुए शासन ने प्रदेश के 75 जिलों के लिए 5000 नए उपकेंद्रों की मंजूरी दे दी है, इसमें सबसे अधिक 296 उपकेन्द्र जनपद बहराइच को मिले हैं। इन उपकेंद्रों की स्थापना के बाद आम जनमानस को एक किलोमीटर के दायरे में ही बेसिक स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया हो जाएँगी। उन्होंने बताया कि बाद में सभी उपकेंद्रों को शासन की अनुमति से हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के रूप में परिवर्तित किया जायेगा। शासन की इस पहल से टीकाकरण, पोषण, परिवार कल्याण सेवाएँ , किशोर स्वास्थ्य सहित मातृ एवं शिशु देखभाल को बढ़ावा मिलेगा।
विधायक सदर श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने कहा कि सरकार की इस पहल से दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी को सबसे अधिक फायदा होगा। अब उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लम्बी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद के उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 310 है जो लगभग 40 लाख की आबादी को आच्छादित करते हैं। इस प्रकार एक स्वास्थ्य उप केंद्र पर लगभग 13 हज़ार की आबादी का दबाव है। शासन द्वारा 296 नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की मंजूरी मिलने के बाद जनपद में कुल स्वास्थ्य उपकेंद्रों की संख्या 606 हो जाएगी, जिससे एक स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर औसतन 6600 आबादी की जिम्मेदारी रह जाएगी। इस पहल से जहाँ एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी वहीँ दूसरी ओर सभी तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ जाएगी। उन्होंने कोरोना काल के कठिन समय में स्वास्थ्य महकमे की प्रसंशा करते हुए कहा कि जिन लोगों के घरों में परिवार के ही लोग कोरोना से पीड़ित थे ऐसे लोग दूसरों की देखभाल के लिए कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बलहा विधायक सरोज सोनकर ने कहा कि आधी आबादी के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर सरकार सजग है। उन्होंने कहा कि सही समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं न मिल पाने के कारण कई प्रसूता महिलायें असमय काल के गाल में समा जाती हैं। अब आबादी के निकट स्वास्थ्य उपकेंद्र हो जाने से इन सभी समस्यायों से निजात मिलेगी।
समाज कल्याण मंत्री ने किया आश्रम पद्धति विद्यालय रिसिया का निरीक्षण।
बहराइच 05 दिसम्बर। जनपद के एक दिवसीय भ्रमण पर आये प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, बभनी रिसिया का आकस्मिक निरीक्षण कर विद्यालय व छात्रावास की साफ-सफाई इत्यादि व्यवस्था का जायज़ा लेते हुए हुए मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवासरत छात्राओं को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें। मा. मंत्री श्री शास्त्री ने निर्देश दिया कि विद्यालय भवन के सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत के लिए कराये जा रहे कार्यों को शीघ्र पूरा कराये जाने हेतु कार्यदायी संस्था सी एण्ड डीएस को निर्देश दिये। छात्रावास के निरीक्षण के दौरान श्री शास्त्री ने छात्राओं के लिए उपलब्ध भोजन व्यवस्था का जायज़ा लेते हुए निर्देश दिया कि छात्राओं को मीनू एवं मानक के अनुसार गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाय तथा शीत ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए आवासित छात्राओं को अनुमन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें। निरीक्षण के समय प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी संजय कुमार मिश्रा मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि आवासीय विद्यालय के निरीक्षण से पूर्व मा. मंत्री समाज कल्याण ने लो.नि.वि. निरीक्षण भवन बहराइच में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
वक्फ सम्पत्तियों पर अवैध कब्ज़ा करने वालों के विरूद्ध होगी कठोर कार्रवाई: मोहसिन रज़ा
बहराइच 05 दिसम्बर। जनपद के एक दिवसीय भ्रमण पर आये प्रदेश के राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, उत्तर प्रदेश श्री मोहसिन रज़ा ने लो.नि.वि. निरीक्षण भवन बहराइच में विभागीय अधिकारियों के बैठक कर विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। श्री रज़ा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वक्फ सम्पत्तियों पर किसी प्रकार के अवैध कब्ज़ा एवं अतिक्रमण पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। मा. राज्य मंत्री श्री रज़ा ने बताया कि मदरसों में पारदर्शिता के साथ शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा सहित अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।
तरक्की-विकास को लग रहे हैं पंख, उड़ चलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के संग
बहराइच 05 दिसम्बर। शरीर के लिए जो महत्व रक्तवाहिकाओं का होता है, वही महत्व एक राष्ट्र या राज्य के विकास के लिए अच्छी सड़कों का होता है। जिस प्रकार रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त शरीर के प्रत्येक अंग तक पहुँच कर उसे ऑक्सीजन पहुँचाकर प्रत्येक अंग को सक्रिय रखता हैं, उसी प्रकार अच्छी सड़कें भी राज्य के विकास की गति को तीव्र कर देती हैं एवं इसके अंग-अर्थव्यवस्था, समाज, बाजार, अस्पताल, प्रशासन, कृषि आदि को सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बात जब एक्सप्रेसवे की एवं उत्तर प्रदेश राज्य के विकास की हो तो सड़कों का महत्व स्वतःसिद्ध हो जाता है।
उत्तर प्रदेश भौगोलिक क्षेत्रफल दृष्टि से देश का चौथा बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विकास के दृष्टिकोण से असमानताएं व्याप्त थी। उत्तर प्रदेश का पूर्वी भाग (पूर्वांचल), पश्चिमी भाग से अपेक्षाकृत पिछड़ा हुआ था। विकास की इन्हीं असमानताओं को दूर करने तथा राष्ट्रीय राजधानी एवं प्रदेश की राजधानी तक तीव्रतम संपर्क स्थापित करने की माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कोशिशों के फलस्वरूप तीन वर्ष पूर्व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया गया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का कोरोना महामारी की विकट परिस्थितियों में पूरे सुरक्षात्मक उपायों के साथ निर्माण कार्य जारी रहा। इसी का सुखद परिणाम 16 नवम्बर, 2021 को देखने को मिला जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सुलतानपुर जनपद के ‘अरवल कीरी करवत’ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। प्रदेश सरकार के मुखिया श्री योगी आदित्यनाथ जी की निरंतर सक्रियता तथा अनुश्रवण के कारण पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुआ है और इस पर आवागमन शुरू हो गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, मऊ, आजमगढ़ एवं गाजीपुर को जोड़ रहा है। लखनऊ के अतिरिक्त यह सभी छोटे शहर हैं एवं इनमें विकास प्रदेश के अन्य हिस्सों विशेषकर पश्चिमी उ0प्र0 से काफी कम हुआ है, परन्तु पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने से पूर्वांचल के इन जनपदों के साथ ही समूचे पूर्वांचल के विकास को पंख लगना निश्चित है। और यही प्रदेश सरकार की सोच व प्राथमिकता भी है कि प्रदेश के सभी हिस्सों का समरूप विकास हो एवं प्रदेश का प्रत्येक हिस्सा, प्रदेश का कोना-कोना विकास की रोशनी से जगमग हो जाए।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनने से राजधानी लखनऊ से पूर्वांचल के जिलों की दूरी तय करने में लगने वाला समय काफी घट गया है। एवं इससे ईंधन की बचत, समय की बचत, जाम की समस्या से मुक्ति, व्यापार की तीव्रता व वृद्धि, पूर्वांचल के कृषकों को अपने उत्पादों के लिए अतिरिक्त बाजार की उपलब्धि जैसे अनेक हित एक साथ पूरे हो रहे हैं। यदि और आगे देखें तो लखनऊ, आगरा एक्सप्रेस-वे तथा आगे यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वांचल की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी कनेक्टीविटी मिल गयी है। इससे समय व संसाधनों की काफी बचत हो रही है। इस एक्सप्रेस-वे का लाभ बिहार राज्य के सीमावर्ती जिलों को भी मिल रहा है क्योंकि इसके माध्यम से बिहार के लोग भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ गए हैं। अब पूर्वांचल के लोगों को चिकित्सा हेतु शीघ्रता से सड़कमार्ग से लखनऊ या दिल्ली पहुँचना आसान हो गया है। व्यापारियों के लिए अपने व्यापार के संबंध में पूर्वांचल जाना या लखनऊ, दिल्ली जाना आसान हो गया है। यह सभी पूर्वांचल के समग्र विकास हेतु प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश वासियों को दीपावली एवं नववर्ष का उपहार है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर लगभग 22000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा व्यय हुआ है एवं इसके निर्माण में व्यापक रोजगार के अवसर निर्मित हुए। अब एक्सप्रेस-वे के बन जाने से भी विभिन्न क्षेत्रों के विकास के माध्यम से रोजगार में वृद्धि होने की पूरी संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार की भेदभाव, पक्षपात, जातिवाद, क्षेत्रवाद के बिना, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की नीति पर चलते हुए, प्रदेश के समग्र व संतुलित विकास की दिशा में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 21 जगहों को उद्योगों की स्थापना के लिए चिन्हित किया गया है। जहां विभिन्न उद्योगों की स्थापना की जा रही है। जिससे व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन हो रहा है। इन उद्योगों में खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पाद, कोल्ड स्टोरेज, भण्डारण, फल, सब्जी, अनाज, पशुपालन व खेती से जुड़े उत्पाद आधारित उद्योग, फार्मा, इलेक्ट्रिकल, टेक्सटाइल, हैण्डलूम, मेटल, फर्नीचर, पेट्रोकेमिकल आदि प्रमुख है। यह सभी उद्योग संबंधित क्षेत्रों का विकास तो करेंगे ही साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होंगे। एक्सप्रेस-वे से सटे शहरों में आईटीआई, मेडिकल संस्थान, ऑफिस, कृषि से संबंधित संस्थानों की स्थापना भी प्रस्तावित है जिससे कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनेक नए विकल्पों की उपलब्धता छात्रों व युवाओं के लिए बढ़ेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की एक बड़ी उपलब्धि व खासियत यह है कि इसपर सुलतानपुर में एयरस्ट्रिप बनाई गई है। जिस पर आपातकाल में वायुसेना के विमान उड़ान भर सकेंगे व लैंडिंग कर सकेंगे। स्वयं माननीय प्रधानमंत्री जी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने हेतु वायुसेना के विशेष विमान से ही आए थे, जो सुलतानपुर में एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी पर उतरा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को प्रदेश के पूर्वी हिस्से के भौतिक विकास की जीवन रेखा कहा जाना पूर्णतः सही होगा। जिसके लिए प्रदेश सरकार का नेतृत्व व दूरदर्शी सोच जिम्मेदार है।
प्रदेश की वर्तमान सरकार संकल्पों की सिद्धि पर अमल करते हुए सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रदेश को निरंतर आधुनिक सुविधाओं से समृद्ध कर रही है व प्रदेशवासियों का जीवन स्तर उठाकर उनका जीवन आसान कर रही है। प्रदेश सरकार पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के बाद कुशीनगर हवाई अड्डा के लोकार्पण एवं कुछ ही समय बाद होने वाले बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के माध्यम से प्रदेश में अवसंरचना को लगातार मजबूत कर रही है। जिससे उत्तर प्रदेश का देश-विदेश में सम्मान बढ़ रहा है। पर्यटन, कृषि, व्यापार, वाणिज्य, रोजगार, उद्योग आदि को इन अवसंरचनाओं से लाभ हो रहा है। तो उड़ चलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के संग, विकास के लगाकर पंख।