रुपईडीहा।गत मार्च माह से भारत नेपाल बीच सामान्य जानो का आवागमन बन्द है।इस बन्दी के दौरान नेपाल जाने वाले मालवाही वाहनों द्वारा समानान्तर वाहन खड़े हो जाने के कारण कस्बे में पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है।बे रोक टोक बिना किसी यातायात नियमो के पालन न करते हुए ये नेपाल जाने वाले ट्रक,टैंकर व कन्टेनर कस्बे के बीच मे खड़े हो जाते हैं।जिससे दो पहिया,चार पहिया व पैदल यात्रियों का आना जाना कठिन हो गया है।लगभग 8 माह पूर्व स्कूटी से नेपाल जा रही 2 महिलाओं की स्थानीय कस्टम के सामने दब कर दर्दनाक मौत हो गयी थी।इस दुर्घटना में एक नेपाल के सेवानिवृत्त पत्नी थी व उसकी सहेली जुनू थपलियाल थी।
यही नही इन्ही बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण नानपारा निवासी एक बाइक सवार युवक की रास्ता न मिलने के कारण ट्रक की चपेट में आकर मारा गया था।इस प्रकार इस तरह की घटनाएं नेपाल जाने वाले वाहनों के कारण होती रहती हैं।और तो और थाने पर आयोजित विभिन्न बैठकों में शामिल होने के लिए नानपारा बहराइच के आला अधिकारी जब यहां आते हैं तो इस मार्ग से न आकर दाहिनी पटरी से थाने पहुँचते हैं।स्थानीय पुलिस, एस एस बी व संबंधित अधिकारी इस विकराल नागरिक समस्या से कोई सरोकार नही रखते।लाकडाउन के पूर्व इन वाहनों को कस्बे के बाहर राम जानकी इण्टर कॉलेज के पास एक बोर्ड लगाकर रोक दिया जाता था ।जब कस्टम इन्हें पास करता था तब ये वाहन एक साथ कस्बे से नेपाल चले जाते थे।स्थानीय वासी डॉ उमा संकर वैश्य ,अरविंद अग्रवाल, विपिन कुमार अग्रवाल, सुशील मित्तल, जिला भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य रमेश कुमार अमलानी,मोहम्मद उस्मान ,सुशील गुप्ता व प्रमोद गुप्ता आदि ने मांग की है कि इन वाहनों को कस्बे के बाहर ही रोका जाए कस्टम पास होने पर इन्हें एक साथ छोड़ा जाए।
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