रिपोर्ट आशीष कुमार
रामसनेही घाट, बाराबंकी । सूबे के मुखिया योगी जी चाहे जितना यूपी पुलिस से शालीनतापूर्वक बात करने को कहे लेकिन रामसनेही घाट कोतवाली में तैनात मित्र पुलिस का दावा करने वाले दरोगा जी एक रिपोर्टर के द्वारा चंद सवाल करने पर इतने आग बबूला हो गये कि मर्यादा भूल कर अभद्रता पर उतारू हो गए आरोप है कि मोबाइल छीन कर गाली गलौज और अंदर बैठाने की धमकी भी दे डाली पीड़ित रिपोर्टर ने इसकी शिकायत सीओ रामसनेही घाट से लिखित तौर पर की है। प्राप्त जानकारी मुताबिक शिवदान सिंह दीपांशु जो कि एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संवाद प्रतिनिधि है शनिवार को एक मामले की कवरेज करने के लिए रामसनेही घाट कोतवाली गये थे जहां पर बरामदे में कुर्सी पर बैठे दरोगा ललित कुमार से कुछ सवाल किए तो साहब उखड़ गए और बुरा भला कहते हुए अभद्रता करने लगे पीड़ित रिपोर्टर शिवदान सिंह ने बताया कि दरोगा ललित कुमार के अलावा एक दरोगा और आ गये और बिना वजह अभद्रता करने लगे रोकने पर बंद करने व बैठाने की धमकी दे डाली बंद करने का कारण पूछने पर दरोगा ललित कुमार ने बताया कि पुलिस चौबीस घंटे बैठा सकती हैं और मोबाइल छीन लिया विरोध करने के उपरांत दोनों दरोगा ने किसी न किसी संगीन मामले में फसाने की धमकी दे डाली। पीड़ित ने एक प्रार्थना पत्र सीओ जटाशंकर सिंह रामसनेही घाट के कार्यालय जाकर सौंपते हुए कारवाई की गुहार लगाई, अगर यहां कार्रवाई नहीं होती है तो मंगलवार को पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को काफी संख्या में पत्रकार किसान यूनियन न्याय के लिए प्रस्थान किया जाएगा दीपांशु के समर्थन में स्थानीय पत्रकार जर्नलिस्ट तहसील अध्यक्ष मान बहादुर सिंह, दिनेश तिवारी प्रभाकर तिवारी, विकास पाठक, श्रेयांस सिंह, सूरज, अरमान, सरदार वीरेंद्र सिंह, रिशु गुप्ता, लल्लन , अरमान, सुरज, अवधेश वर्मा, अनील, आशीष सिंह सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।
दरोगा पर कारवाई न होने पर आंदोलन के मूड में आक्रोशित कलमकार
विभिन्न समाचार-पत्रों के स्थानीय संवाद प्रतिनिधियों ने दीपांशु के साथ हुई अभद्रता के चलते आक्रोशित दिखे रिपोर्टरो का कहना है कि यदि दोनों दरोगाओं पर कार्यवाही नही होती है तो मंगलवार को पुलिस अधीक्षक बाराबंकी से शिकायत करते हुए आंदोलन किया जाएगा जो कि आंदोलन आर-पार का होगा,
पुलिस कर्मियों के पास आखिर बेहिसाब संपत्ति कैसे
एकजुटता दिखाते हुए पत्रकारों ने बताया कि कोतवाली रामसनेही घाट मे तैनात पुलिसकर्मियों सिपाही व दरोगाओं की संपत्ति की जांच हेतु उच्च स्तर पर पत्र लिखा जाएगा किसी भी मुद्दे को उजागर करने वाले पत्रकारों से अभद्रता करने वाले पुलिस कर्मियों के पास आखिर इतनी संपत्ति कैसे है और पुलिस कर्मियों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवा कर जांच कराए जाने की मांग की जाएगी।