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बहराइच = नवरात्री की पंचमी से शुरू हुआ ग्राम भावनियापुर मे दशहरा का कार्यक्रम 160 वर्ष पुराना यह दशहरा की एक अद्भुत कहानी है

रिपोर्ट सत्यम श्रीवास्तव रिपोर्टर बहराइच

ग्राम भावनियापुर मे परम्परागत वर्षो से चल रहे दशहरा कार्यक्रम का शुभारंभ नवरात्री की पंचमी से हुआ हर बर्ष यह दशहरा कार्यक्रम नवरात्री की पंचमी से ही शुरू होता है और विजय दशमी के दिन समाप्त होता है इस दशहरा कार्यक्रम मे बहुत सी अनोखी कहानी है जो वर्तमान मे अभी भी है

अनोखी लीला
लगभग सभी लोग जानते होंगे की दशहरा का त्यौहार क्यों मनाया जाता है इस संबंध मे संछिप्त मे कहुगा की विजय दशमी के दिन भगवान् राम ने रावण का वध किया था और असत्य पँर सत्य की जित हुई थी तब से आज तक हर जगह रामलीला का मंचन का होता है जिसमे भगवान् राम के आदर्शों का वर्णन होता है पँर भारत वर्ष मे एक जगह ऐसी भी है जहाँ भगवान् राम की लीलाओं के साथ भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का भी वर्णन होता है यह दशहरा ग्राम भावनियापुर मे होता है

*होते है भगवान के साक्षाक्त दर्शन*

आज के समय मे ऐसी बातों को मानना बहुत मुश्किल होता है मगर ये बात पूर्ण रूप से सत्य है ग्राम भावनियापुर के दशहरा मे होते है भगवान् श्री कृष्ण के दर्शन जैसा की अभी भी देख सकते है ग्राम भावनियापुर मे श्री कृष्ण लीला का पूर्ण वर्णन होता है जिसमे भगवान श्री कृष्ण के रूप मे भगवान् के साक्षकत प्रमाण उपलब्ध है जिस की हम देखते है कि जब कृष्ण लीला के अंत मे एक लीला कंश वध की आती है यह लीला विजय दशमी को खेली जाती है जब मंच पे कंश का वध होता है तो सत्यतिक रूप से वो मूर्छित हो जाता है और जब स्वयं भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियां उनको आशीर्वाद नहीं देती है तब तक कंश के को होश नहीं आता है यह घटना कोई कल्पिनिक नहीं है आज के समय मे भी ऐसे प्रमाण उपलब्ध है जिनको विज्ञानं भी नहीं गलत साबित कर सकता है

*कैसे संचालित होता है दशहरा का यह कार्यक्रम*
यह दशहरा कार्यक्रम कोई बहुत बड़ा कार्यक्रम नहीं होता ग्राम भावनियापुर मे निवासी श्रीवास्तव परिवार मिलके ही करता है जिसमे चित्रांश परिवार के सहयोग से यह कार्यक्रम संचालित होता है दशहरा सिमित के अध्यछ श्री चतुर्भुज सहाय श्रीवास्तव नै बताया कि यह दशहरा कार्यक्रम 160 वर्षो से चला आ रहा है यह कार्यक्रम नवरात्री की पंचमी से प्रराम्भ होकर विजय दशमी को समाप्त होता है आज पंचमी के दिन भगवान की पूजा अर्चना प्रारम्भ कर कार्यक्रम के अच्छे से समापन होने के प्रार्थना की इस अवसर पर सिमित प्रबंधक श्री आनंद प्रकाश श्रीवास्तव जी व्यवस्थापक श्री आत्म प्रकाश श्रीवास्तव जी कमेटी उपाध्याच रमाकांत श्रीवास्तव , राजेश श्रीवास्तव, उमाकांत श्रीवास्तव, दिनेश चंद्र श्रीवास्तव , बहोरि लाल श्रीवास्तव , विनोद कुमार श्रीवास्तव , सुनील श्रीवास्तव, दुर्गेश श्रीवास्तव, नीरज श्रीवास्तव, विजय कुमार श्रीवास्तव, ग्रीश कुमार श्रीवास्तव , हिमांशु श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव , सुधांशु श्रीवास्तव, सत्यम श्रीवास्तव, सहित चित्रांश समाज के सभी लोग उपस्थित रहे।

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