मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
अयोध्या – अयोध्या जनपद की शान व उत्तर प्रदेश उर्दू अकेडमी द्वारा पुरस्कृत मशहूर शायर व शिक्षाविद शमीम बीबीपुरी के निधन की खबर आते ही गांव से लेकर सोशल मीडिया तक शोक संवेदनाओं का देर रात तक सिलसिला चलता रहा।हर किसी ने अपने रंज व गम का इजहार किया।अपने पसंदीदा शायर के यूं चले जाने से चाहने वालों मे रंज व गम देखने को मिला। एक साथ एक मंच साझा करने वालों में साहित्यकार डॉक्टर अनवर हुसैन ने दुनियां से रुखसत होने वाले शमीम साहब की खबर सुनकर गहरा दुख व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि इतनी बेबाक जिंदगी और ऐसा तरंगित शब्द —-सागर इतनी खामोशी से विदा होगा, कभी सोचा भी न था। उन्होंने कहा कि हर सुख दुख में हमेशा कदम से कदम मिलाकर चलने वाले एक बेहद जिंदादिल इंसान आज हमारे बीच नहीं रहे।वही दूसरी ओर शायर इमरान अलियाबादी ने कहा कि शमीम साहब एक ऐसे शायर थे,जिनकी जरूरत जितनी उर्दू के मंचो पर थी,उतनी ही हिंदी पर भी।उन्होंने बताया कि शमीम साहब ने कई किताबे लिखी जो उर्दू अकेडमी द्वारा उन किताबों के लेख पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। उनके द्वारा लिखा गया यह शेर
निगाहों में इतनी जसायत कहां थी
नजारे हमे होंसला दे रहे हैं
उनके द्वारा लिखी गई यह शायरी आज भी लोगों के जुबां पर आ जाती है।
पूर्व विधायक सैय्यद अब्बास अली जैदी उर्फ रुश्दी मियां ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मशहूर शायर शमीम साहब आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा लिखी गई किताबों के एक एक शब्द हमारे दिलों को जिंदा करते रहेंगे।उन्होंने कहा कि आज हमने एक बेहतरीन शख्सियत को खो दिया है।वे एक ऐसे हुनरमंद शायर थे जो पूरे कार्यक्रम को पकड़ कर रखते थे।अदबी महफिलों में हमेशा उनकी कमी महसूस होती रहेगी।
पैतृक गांव बीबी पुर में आखिरी रसूम में शिरकत करने वालों मे डॉक्टर अनवर हुसैन,पूर्व ब्लॉक प्रमुख निशात अली व मुनव्वर अली,पूर्व प्रधान लियाकत अली,पूर्व प्रधान कदीर खां,पूर्व विधायक सैय्यद अब्बास अली जैदी उर्फ रुश्दी मियां,मोहम्मद रफीक बफाती,पप्पू खां,अजीमुदीन एडवोकेट,मोहम्मद शमीम खां,अलीम खां,दाऊद खां आदि लोग शामिल थे।