रिपोर्ट संदीप पांडे
जनपद श्रावस्ती से एक बहुत ही मार्मिक घटना सामने आ रही है जो मां अपने बच्चे को 9 माह अपने पेट में पालती है झोलाछाप डॉक्टर और लापरवाह आशा बहू की गलती से उसकी कोख सुनी हो जाती है ऐसा ही एक मामला जनपद श्रावस्ती से सामने आ रहा है जहां पर थाना गिलौला अंतर्गत ग्राम सभा रघुनाथपुर मौजा गोपालपुर निवासी मालती देवी पत्नी बच्छराज जो 9 माह की गर्भवती थी उसे उसी गांव की आशा बहू जिसका नाम शबनम है जो गिलौला सीएचसी पर तैनात है मालती अल्ट्रासाउंड कराने गिलौला जाती है वहां पर उसे आशा बहुत शबनम मिल जाती है अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पानी की कमी बताया जाता है जिसे चढ़ाने के लिए मालती शबनम के साथ गिलौला सीएचसी पर जाने को निकलती है शबनम सीएचसी ना ले जाकर उसे विजय पाली क्लीनिक गिलौला ले जाती है और वहां पर जबरदस्ती उसकी डिलीवरी कराती है जिससे नवजात बच्चे को औजार से तमाम घाव आ जाते हैं और बच्चे को ऑक्सीजन की जरूरत होती है जो कि विजय पॉलीक्लिनिक ऑक्सीजन मौजूद नहीं होती है जिससे बच्चा दम तोड़ देता है और जब पीड़ित जिले के आला अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाता है तो उसकी कहीं सुनवाई नहीं होती है और उस पर सुलह करने का दबाव बनाया जाता है और जान से मारने की धमकी भी दी जाती है अब पीड़ित का कहना है कि अगर उसे और उसके परिवार को कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार आशा बहू शबनम और विजय पॉलीक्लिनिक के डॉक्टर डॉक्टर विजय ही होंगे और अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपनी पत्नी के साथ अपनी जान दे देगा