आजादी की अमृत धारा बहने के बावजूद अधेड़ भूख हड़ताल पर बैठने पर होगा मजबूर ?
Ashish Singh
11/08/2022
CMD NEWS E-NEWSPAPER, प्रमुख खबरें, बाराबंकी
115 Views
बैंक मैनेजर की अभ्रदता से तंग अधेड़ बैठेगा भूख हड़ताल
आजादी की अमृत धारा बहने के बावजूद अधेड़ भूख हड़ताल पर बैठने पर होगा मजबूर ?
आशीष सिंह

रामसनेही घाट, बाराबंकी। आर्यावर्त बैंक शाखा सूरजपुर के प्रबंधक पर ग्राहक ने गाली – गलौज एवं अवैध वसूली का आरोप लगाया। पीड़ित ने इंसाफ पाने के लिए एक अनोखे रूप से गुहार लगाई। 15 अगस्त 2022 स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत की शान तिरंगे को साक्षी मानकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल किए जाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी जी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट को सौंपा। पीड़ित व्यक्ति पुत्ती लाल पुत्र रामेश्वर ग्राम पुरे ऊंचे मजरे टांडा पोस्ट धारूपुर कोतवाली थाना विकासखंड बनीकोडर तहसील रामसनेहीघाट ने आर्यावर्त बैंक शाखा सूरजपुर बाराबंकी के शाखा प्रबंधक द्वारा गाली-गलौज करते हुए बैंक से भगाने की बात कही केसीसी रिनीवल के नाम पर वसूली किए जाने की बात कही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि आती है इसे निकालने खातिर बैंक गया था तो शाखा प्रबंधक महोदय ने लोन खाता सही ना होने की बात कहते हुए उसे बताया कि पैसा नहीं निकलेगा व 6000 की मांग की कहा कि खाता सही हो जाएगा 6000 के लिए जब मैंने इसकी रसीद मांगी तो मुझे से अभद्रता भी की जिसकी शिकायत मैंने 8/6/ 2022 को अग्रणी जिला प्रबंधक बैंक ऑफ इंडिया बाराबंकी से की इस पर कोई कार्यवाही ना करते हुए हीला हवाली की गई और दिनांक 03/8/2022 को पीड़ित शाखा के आवश्यक कार्य हेतु गया तो शाखा प्रबंधक ने गाली गलौज करते हुए बैंक से भाग जाने की बात कहीं, व बताया कि भाग जाओ नहीं तो पुलिस बुलाकर मुकदमा लिखवा कर जेल भेज दूंगा। शाखा प्रबंधक ने चिल्लाते हुए कहा कि मैं गुंडागर्दी के सारे हथकंडे जानता हूं ,सत्ता के स्थानीय नेताओं के साथ हमारे घनिष्ठ संबंध हैं, मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा अगर फिर से कहीं शिकायत की तो तुम्हें नंगा कर के बीच चौराहे पर खड़ा कर के खाल उधेड़ दूंगा ,मेरा कुछ नहीं होगा। पीड़ित व्यक्ति के पास घटना के चश्मदीद गवाह भी मौजूद है। पीड़ित व्यक्ति सीधा-साधा ग्रामीण है और बैंक का कस्टमर है,व भारत के संविधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का उपासक है इसीलिए हिंसा से दूर रहते हुए गांधी की तरीके से अपने साथ हुए घटनाक्रम से क्षुब्द होकर भारत की शान तिरंगे को नमन करते हुए उसी के नीचे बैठकर अनिश्चितकालीन भूख
हड़ताल करेगा, नैतिक जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी।