सुनील तिवारी सी एम डी न्यूज
जनपद में रविवार को भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रक्षाबंधन के अवसर पर उम्र का शतक लगाने वाले विरासत वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधने के लिए वन विभाग द्वारा विकासखण्ड झंझरी अन्तर्गत स्थानीय बम्हदेव स्थल परेड सरकार में अलौकिक रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्रा ने इस अवसर पर वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधकर अधिकारियों-कर्मचारियों तथा ग्रामीणों को वन संरक्षण का संदेश दिया तथा संकल्प दिलाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन सभी पर्वों में एक अनोखा पर्व ही नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति तथा मानवीय मूल्यों को उजागर करने वाला, आध्यात्मिक रहस्य को प्रकाशित करने वाला और भाई-बहन के रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला परमात्मा का उपहार है।
उन्होंने कहा कि आज वन संरक्षण की आवश्यकता बड़े पैमाने पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महसूस की जा रही है। पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण वन क्षेत्रों में तेजी कमी होना ही है। इसलिए आज वन संरक्षण की महत्ता प्रासंगिक हो गई है। उन्होंने आह्वान किया कि हमें रक्षाबंधन के अवसर पर वन संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि राखी का पावन पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने से पूर्व बहन अपने भाई के मस्तक पर चंदन का तिलक लगाती है, जो शुद्ध, शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। तिलक दाएं हाथ से किया जाता है तथा राखी दाएं हाथ पर बांधी जाती है। यह विधि हमें यह प्रेरणा देती है कि हम सदा सकारात्मक चिंतन करते हुए श्रेष्ठ कर्म ही करें। मिठाई खिलाने के पीछे भी मन को और संबंधों को मीठा बनाने का राज भरा है। उन्होंने कहा कि कलाई पर बांधने वाले कच्चे धागे में विश्व के नवनिर्माण के पांच सूत्र समाए हुए हैं। स्नेह सूत्र, रक्षा सूत्र, ईश्वरीय सूत्र, परिवर्तन सूत्र, पवित्रता सूत्र।
एसडीओ वन विभाग एसपी सिंह ने कहा कि शासन स्तर से रक्षा सूत्र कार्यक्रम के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। यह कार्यक्रम 29 अगस्त तक चलेगा, इसमें विरासत वृक्षों के अलावा अब तक रोपित पौधों को भी रक्षा सूत्र बांध उनकी रक्षा का संकल्प लिया जाएगा। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष के सलाहकार जिला पंचायत सदस्य महेन्द्र सिंह सहित वन विभाग के अधिकारी तथा अन्य जनप्रतिनिधि गण तथा जनसामान्य उपस्थित रहे।