नानपारा- लक्ष्मनपुर गुलालडीह विकास खण्ड -, बलहा कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा बहराइच ने प्रक्षेत्र परीक्षण के अंतर्गत पाँच कृषको को प्याज की प्रजाति एन एच आर डी एफ रेड-3 एवं एन एच आर डी एफ रेड-4( इस प्रजाति शाल्क कन्द गोलाकार एवं लाल रंग उत्पादन 350कुन्तल प्रति हेक्टेयर फसल तैयार होने का समय 110-130दिन ) कृषकों के प्रक्षेत्र पर लगाया गया है । इससे पहले स्थानीय प्रजाति का लगाते थे। लेकिन उससे उत्पादन कम मिलता था। कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा द्वारा गाँव बलहा प्याज की फसल बहुत ही अच्छी है ।इस मौसम में कन्द निमाण शुरू हो गया है। इस समय कृषक भाई खेत में नमी बनाये रखे साथ ही जल विलेय ऊवरक एन पी के 18:18:18 या 19:19:19 की 1 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब छिडकाव करे।खेत में नमी नही होने पर 15-20प्रतिशत उत्पादन कम हो जाता है ।प्याज की यह प्रजाति 120-130 में पककर तैयार हो जाती है ।पैदावार की बात करे तो एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में 325-350 कुन्तल होती है ।प्याज की खुदाई जब पतियाँ पीली एवं 50 खड़ी खेत में गर्दन मुड जाय तो सिचाई रोक देना चाहिए उसके बाद 15 – 20 बाद खुदाई करनी चाहिए नही तो प्याज का भंडार नही हो पाता है। इस समय बैगनी धब्बा रोग प्याज के पतियों पर सफेद भूरे रंग के धब्बे बनते हैं । इस समय कार्बेंडाजिम+ मैनकोज़ेब का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव के बारे में जानकारी दी गयी ।इसके साथ ही प्याज में थ्रिप्स कीट प्रकोप होने से क्षतिग्रस्त पतियों चमकीली सफेद दिखती हैं जो बाद में ऐठकर मुड और सूख जाती हैं ।इसके नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफास 0.2 प्रतिशत के दर से छिड़काव करें । प्याज की सही तरीके से खेती की जाय तो प्याज का भंडार 2-3 माह तक कर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं ।
रिपोर्ट- विवेक कुमार श्रीवास्तव संपादक