रिपोर्ट- एम.असरार सिद्दीकी।
नानपारा/बहराइच- 42 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल अगैया (नानपारा) के मुख्यालय में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें एल्कोहलीक एनोनिमस (ए.ए.) संस्था की टीम ने जवानों को शराब से होने वाले नुकसान, शराब से जीवन कैसे बर्बाद होता है एवं शराब से छुटकारा पाने के विभिन्न पहलुओ पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। रविवार को एल्कोहलीक एनोनिमस (ए.ए.) संस्था की टीम ने 42वी वाहिनी अगैया मुख्यालय में नशामुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें टीम के सदस्यों ने जवानों को संबोधित करते हुए बताया कि शराब पीना एक बीमारी है। उन्होंने स्वयं के ऊपर बीती सच्ची घटनाओं आत्म कथाओं के माध्यम से जवानों को शराब नहीं पीने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव तथा इससे जन और धन दोनों की हानि को इंगित करते हुए बताया कि नशे का सेवन या इसकी लत एक सामजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है।
जो न केवल पुरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है बल्कि विभिन्न आयु के युवाओ को प्रभावित करती है। यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है। इसकी लत के कारण भूख और वजन, कब्ज, चिंता का बढ़ाना और चिडचिडापन, नींद आना और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है। इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यहार जैसे चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामजिक कलंक तथा सामाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी है। उन्होंने बताया कि शराब पीने वाला व्यक्ति चाहकर भी शराब नही छोड पाता है। वह हर रोज शराब नहीं पीने के लिए कसमें खाता है। परन्तु किसी ने किसी बहाने से पी लेता है।
टीम ने शराब से मुक्ति पाने हेतु कुछ छोटी छोटी आदतों को अपने जीवन में शामिल करने हेतु आग्रह किया जिनसे शराब से धीरे-धीरे मुक्ति मिल सकें। और अंत में टीम ने सभी जवानों के साथ शराब से पूर्ण रूप से मुक्ति पाने तथा अपने साथी रिश्तेदारों को भी मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया। कार्यशाला में वाहिनी के जवानों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। उक्त कार्यक्रम के दौरान वाहिनी के प्रवीण कुमार, उप कमांडेंट, विजेंदर कुमार, उप कमांडेंट,ए.ए. संस्था की टीम, नि. जेके त्रिपाठी, स.उ.नि. मोहिंदर, स.उ.नि. विजय सिंह एवं गिरधर गोपाल के साथ अन्य जवान मौजूद रहें।