8 फरवरी 2021
सरकार पत्रकारों के हित मे तरह तरह के कानून बना रही है, सरकार पत्रकारों के हित में अनेक दावा कर रही है, सवाल पूछना पत्रकार का धर्म है, मीडिया कर्मी स्वतंत्र होते है आईना है, मीडिया कर्मियों को संविधान में भी लिखा है कि मीडिया कर्मी स्वतंत्र है।
तहसील रामसनेहीघाट के ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल व तहसीलदार दयाशंकर त्रिपाठी मय टीम व पुलिस प्रशासन के साथ ग्राम सभा सुखीपुर में अतिक्रमण हटाया जा रहा था।
जिसकी जानकारी क्षेत्रीय पत्रकार जितेंद्र कुमार को हुई , क्षेत्रीय पत्रकार जितेंद्र कुमार व अन्य पत्रकार मौके पर समाचार कवरेज करने के उद्देश्य से पहुँचे।
क्षेत्रीय पत्रकार जितेंद्र कुमार ने हटाए जा रहे अतिक्रमण के बारे में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट दिव्यांशु पटेल से अतिक्रमण के सबन्ध में सवाल पूछने के लिए अनुमति मांगी तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल ने कहा बिल्कुल पूछो, लेकिन जब क्षेत्रीय पत्रकार की टीम ने सवाल किया ”श्रीमान जी प्रार्थना पत्र में लिखित कि तालाब की पटरी(जिस पर वृक्षरोपण होना चाहिए) पर क्या किसी व्यक्ति विशेष के लिए इंटरलॉकिंग मार्ग पास हो सकता है? जबकि उस व्यक्ति के पास पहले से ही विकल्प के रूप में एक रास्ता है” तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल ने जबाब तो नही दिया सवाल के बदले आग बबूला हो गये फिर क्या साहब तेवर में आ गए और कवरेज मे प्रयोग होने वाले उपकरण छिनवा दिया जबकि मौके पर किसी भी प्रकार का वैनर,सूचना बोर्ड,हस्तलिखित सूचना का चस्पा नही किया गया था कि मीडिया कर्मी या अन्य का प्रवेश वर्जित है। क्या ये अतिक्रमण हटवाने का उद्देश्य रास्ते के लिए है जैसा कि प्रार्थना पत्र में लिखित है, सत्य के कई रूप और चेहरे होते हैं।हर विषय को समझने के लिए उसके सभी पक्षों को जानना समझना जरूरी होता है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर मीडिया कर्मी के साथ अभद्रता की गई मीडिया कर्मी का मोबाइल छीनवाकर पूछे गए सवाल हट रहे अतिक्रमण सम्बन्धी वीडियो फ़ोटो को डिलीट करवाकर मीडिया कर्मी के मोबाईल को पुलिस के सुपर्द कर दिया जिससे मीडिया कर्मी ने बातचीत के दौरान कहा कि हमने गलत क्या पूछा है और सवाल का जवाब दीजिए हमने आप से सवाल किया है हो समाज हित में है और एक पत्रकार के साथ कैसा बर्ताव कर रहे है उपजिला अधिकारी महोदय द्वारा किये गए अभद्रता का मुद्दा बनते देख उपजिलाधिकारी ने मीडिया कर्मी के मोबाइल से वीडीयो फ़ोटो डिलीट कर मीडिया कर्मी का मोबाईल वापस कर दिया।
जिसकी सूचना सम्बन्धित पत्रकारों को हुई पत्रकारों में रोष व्याप्त है मीडिया कर्मी जितेंद्र कुमार व अन्य पत्रकार ने उच्चधिकारियों को शिकायती पत्र सौंप व भेज कर न्याय की गुहार लगाने की बात कही है, वैसे वर्तमान कथित तेज तर्रार उपजिलाधिकारी का कार्यकाल में बेलहरी ग्राम पंचायत में तालाब की भूमि में पंचायत भवन बनना हो या सूपामऊ में तालाब की भूमि में बना आंगनबाड़ी केन्द्र हो, फरियादी सर पटक कर अतिक्रमण की गुहार लगाते रहे लेकिन साहब आँख मूंद कर बैठे रहे, आम जनमानस को वर्तमान में उप जिलाधिकारी से न्याय की उम्मीद नहीं रह गई हैं, सुखीपुर में जो भी हुआ है वह पुनः तालाब की भूमि पर सरकारी कब्जेदारी अतिक्रमण का पहला कदम है, जब कि पूरे तहसील क्षेत्र में अतिक्रमण की भरमार है लेकिन रसूखदार को सब माफ है क्योकि साहब उपजिलाधिकारी है।
रिपोर्ट- आशीष सिंह ब्यूरो चीफ बाराबंकी