ब्यूरो चीफ आशीष सिंह के साथ अमित कुमार की रिपोर्ट
दिल्ली बॉर्डर पर किसान यूनियन के संगठनों व किसानों द्वारा किसान विरोधी बिल को लेकर चलाए जा रहे धरना प्रदर्शन मैं राष्ट्रीय आवाहन पर 6 फरवरी को पूरे देश में चक्का जाम करने का निर्देश था जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से कई किसान संगठन के जिला अध्यक्षों व प्रदेश अध्यक्षों ने मिलकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी बाराबंकी को 4 फरवरी को सौंपा गया जिसमें राष्ट्रीय आवाहन पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई लेकिन किसान मसीहा माननीय श्री राकेश टिकैत जी के द्वारा 5 फरवरी को चक्काजाम के कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में स्थगित करने का आदेश हुआ जिसके बाद भी बाराबंकी प्रशासन द्वारा किसान नेताओं को रात से ही उनके घरों पर नजरबंद किया गया और किसानों की आवाज को दबाने का कार्य किया गया जैसा कि कहां जा रहा है कि यह केवल एक प्रदेश व बिचौलियों का प्रदर्शन है लेकिन प्रशासन द्वारा किसानों की आवाज दबाने हेतु किसानों में को घरों में नजरबंद कर कहीं भी धरना प्रदर्शन करने नहीं दे रही है तथा धरना प्रदर्शन की चेतावनी देने पर जेल में भी भेजने का कार्य कर रही है, जो बड़ा ही गलत व निंदनीय है।