सदर तहसील संवाददाता बहराइच स्नेह शुक्ला की रिपोर्ट
बहराइच जिले में देखिए चिकित्सकों की कमी के चलते बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं। अस्पतालों में चिकित्सक की तैनाती तो है किंतु उन्हें अन्यत्र कोविड-19 की ड्यूटी में लगा दिया गया है। जिसके चलते ग्रामीण अंचल के मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि फखरपुर ब्लॉक का बौंडी कस्बा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। कस्बे में राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। इन्हीं स्वास्थ्य केंद्रों पर गोलागंज, बौंडी, सिलौटा, रानीबाग, सांईंगांव, गुंजौली, रेहुआ समेत एक दर्जन गांवों के हजारों ग्रामीणों के इलाज की जिम्मेदारी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा डॉ अतीउर्रहमान की तैनाती है। बावजूद इसके तैनात चिकित्सक की ड्यूटी अधिकतर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बनाई गई बाढ़ राहत चौकियों पर रहती है। यदि बाढ़ राहत चौकियों से फुरसत मिले तो शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फखरपुर में चिकित्सा की अतिरिक्त ड्यूटी लगा दी जाती है। होम्योपैथिक चिकित्सालय में डॉ राकेश कुमार वर्मा की नियुक्ति है। यह चिकित्सालय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए वरदान की तरह है। अस्पताल के ओपीडी रजिस्टर को अगर देखा जाए तो नियमित 60 से 80 मरीजों का अस्पताल आना-जाना व दवाएं लेना होता है। वर्तमान में तैनात चिकित्सक डॉ राकेश वर्मा की कोविड-19 में ड्यूटी लगा दी गई है। अस्पताल का फार्मासिस्ट भी विगत वर्ष सेवानिर्वित हो चुका है। जिसके चलते अस्पताल महज शोपीस बनकर रह गया है। इलाज के लिए आए लोग बैरंग वापस लौट रहे हैं। गुंजौली के पवन सिंह, भौंरी के राजन मिश्र, बौंडी के अंजनी शुक्ल, रमाकांत गौड़, कौशल गुप्त ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक नियमित आता था। चिकित्सक के द्वारा किए गए उपचार से लोगों को स्वास्थ्य लाभ होता था। बावजूद इसके चिकित्सक की ड्यूटी अन्यत्र लगा दी गई है। ऐसे में ग्रामीण परिवेश के मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। अस्पताल में चिकित्सक के तत्काल नियुक्ति की आवश्यकता है। सीएमओ डॉ सुरेश सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बौंडी पर किसी चिकित्सक की तैनाती की जाएगी।