रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
नानपारा वन रेंज में तैनात वन रेंज अधिकारी पीयूष गुप्ता ने 5 अक्टूबर 2024 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद वन क्षेत्र में अवैध कटान पर सख्त कदम उठाए हैं। अब तक जनवरी 2025 तक विभिन्न मामलों में पाँच लाख से अधिक का जुर्माना वसूला गया है, जिसे राजस्व में जमा कराया गया है। इसके अलावा, अवैध कटान में संलिप्त दो लोगों को जेल भेजा गया है, जिससे वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित हो सके। वन क्षेत्र को संरक्षण और विकास की दिशा में ले जाने के लिए जैविक कृषि और वानिकी कार्यों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पौधशालाओं को पूरी तरह से रसायन मुक्त किया गया है और पौधों को जैविक तरीकों से उगाया जा रहा है। पौधों की वृद्धि और सुरक्षा के लिए “जीवामृत” का प्रयोग किया जा रहा है, जो नीम की पत्ती, गौमूत्र, लहसुन और मिर्च से तैयार जैविक कीटनाशक के रूप उपयोग में लाया जाता है। जैविक खाद तैयार करने के लिए 20 किलो गोबर, 10 लीटर गौमूत्र, 1 किलो गुड़, 1 किलो सजीव मिट्टी और 200 लीटर पानी मिलाकर एक विशेष मिश्रण तैयार किया जाता है इसे 5-6 दिनों तक रखने के बाद पौधों के लिए उपयोगी जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक को किसानों के बीच प्रचारित किया जा रहा है ताकि वे रसायनों पर निर्भरता कम कर जैविक खेती को अपनाएं। वन विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठियों में किसानों को जैविक खाद निर्माण, वृक्षारोपण, और मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचाव के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। वन रेंज अधिकारी पीयूष गुप्ता की तरह अगर अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा भी इस पहल में सजगता से सहयोग किया जाए तो वनों की सुरक्षा के साथ कृषि क्षेत्र में टिकाऊ विकास को भी बढ़ावा दे रही है।