रिपोर्ट सुनील तिवारी सी एम डी न्यूज
मिडिल क्लास को बलिदान तो देना ही होगा – प्रमोद मिश्रा
दिनांक 05-02-2024 गोंडा ।। राष्ट्रीय बजट की निराशा के बाद प्रादेशिक बजट से कुछ ज्यादा उम्मीदें थी नहीं और बजट आया भी बिलकुल वैसा , किसानों को हो रहे नुकसान और कम पैदावार को लेकर कोई बात ही नही हुई, इस भयंकर महंगाई में खाद की उपलब्धता और मूल्यों में कमी से राहत की उम्मीदों का गला घोंट कर मौजूदा सरकार ने एक बार फिर किसानों को और परेशानी की तरफ धकेल दिया, साथ ही नौकरी और भर्ती की आस लगाए बैठे युवा फिलहाल बैठे ही रहे क्योंकि इस बार श्रम विभाग का बजट उंट के मुंह में जीरे की तरह है, बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री जी के मुंह से रोजगार, नौकरी जैसे शब्द एक बार भी नही सुनने को मिले , बजट पूरी तरह से निराशा जनक और एक लिखी लिखाई स्पीच का चुनावी लुभावन और लच्छेदार भाषण ही था ।