- 31/08/2021
बनीकोडर ,बाराबंकी । सांस्कृतिक शिक्षा पाठ्यचर्या का एक अनिवार्य पहलू है। स्कूलों में कार्यक्रम और त्योहार मनाना छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस महत्व को समझते हुए और युवा पीढ़ी के साथ हमारी भारतीय परंपरा को गौरवान्वित करने के लिए, कृति पब्लिक स्कूल, भगवानपुर, बाराबंकी ने कृष्ण जन्माष्टमी को बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया। अपनी ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान, प्री-प्राइमरी विंग के बच्चों के चेहरे पर आनंदमय मुस्कान के साथ भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी के रूप में उज्ज्वल पारंपरिक पोशाक पहने हुए थे। प्राइमरी और मिडिल विंग के छात्रों को मुकुट बनाने, बांसुरी सजाने, पालना और मटकी बनाने की गतिविधि दी गई। उत्सव ‘जन्माष्टमी’ के आध्यात्मिक महत्व को समझाने के लिए सीनियर विंग के छात्रों को पालने और अन्य सजावट में बाल कृष्ण के साथ एक रंगीन झांकी स्थापित करने का कार्य दिया गया। शिक्षकों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, उनके बचपन के दिनों, बचपन के दोस्त सुदामा के साथ दोस्ती के मजबूत बंधन, राधा के साथ उनके शाश्वत प्रेम और बुराई के खिलाफ उनकी लड़ाई की कहानियों के साथ त्योहार के महत्व को समझाया। यह भक्ति, रचनात्मकता, आनंद और मस्ती का एक साथ सही मिश्रण था। इस मौके पर प्रबन्धक हिमांशु सिंह जी और प्रधानाचार्या डॉ. फरजाना शकील अली ने सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं।