रिपोर्ट-एम.असरार सिद्दीकी।
बहराइच-13 जून चहलारी नरेश महाराजा बलभद्रसिँह जी के 163वेँ बलिदान दिवस एवँ वीर शिरोमणि मेवाड़ के 13वें राजा महाराणा प्रताप जी की जयँती पर आज भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इँटक)द्वारा ब्लाक मुख्यालय रिसिया पर स्थापित सेनानी स्मारक पर पुष्पाँजलि अर्पित करके हार्दिक शैल्यूट किया गया। इस दौरान अवध प्राँत /मध्य जोन के अध्यक्ष विनय सिँह ने कहा कि चहलारी नरेश बलभद्र सिँह जी ने युवावस्था मे बेगम हजरत महल की रक्षा व अपने देश की आन बान शान के लिए अँग्रेजी सेना से महायुद्ध करते हुए 13जून 1858 में ओबरी मैदान बाराबँकी मे अपने प्राणोँ की आहुति देकर यह श्लोगन “सर कटा सकते हैँ लेकिन सर झुका सकते नही” को चरितार्थ किया था। आज भी ओबरी बाराबँकी (जिला कारागार के पास) बना उनका स्मारक/समाधि देश व समाज को राष्ट्रभक्ति का प्रेरणा देता है, उन्होंने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयँती पर बोलते हुए कहा कि ”हजारोँ साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है, बडी मुश्किल से होता है चमन मे कोई दीदावर पैदा।”
वे राजपूताना के लिए प्रेरणादायक व अनुकरणीय हैँ।हमेँ उनके स्वाभिमान महापराक्रम ,कौशल पर अत्यँत गर्व है। महाराणा प्रताप जी सिर्फ अतीत ही नही बल्कि भविष्य भी हैं।इस अवसर पर रामदीन गौतम,राम ध्यान मौर्य राजेश सिँह सुरेश कुमार सिंह कौशल्या,फूलमती, सुरसती, तेतरी ,सिँघा देवी,सादात अहमद हशमतुलनिशाँ,उदयराज सिँह शेर बहादुर सिँह आदि लोगोँ ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए।
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