रामसनेही घाट बाराबंकी।
27/03/2021
रिपोर्ट – ब्यूरो चीफ आशीष सिंह के साथ जितेंद्र कुमार की रिपोर्ट
एक तरफ जहां रामसनेही घाट के वर्तमान उपजिलाधिकारी व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल अपनी कार्यशैली से भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसते नजर आ रहे हैं तो वही दूसरी तरफ तहसील राम सनेही घाट के लेखपाल अपने काले कारनामों से एसडीएम रामसनेही घाट को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं, लेखपालों की कार्यशैली लगातार राजस्व परिषद की नीतियों व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल को कठघरे में खड़ा कर रही है, फिर चाहे वह गांवों में सरकारी जमीनों पर कब्जे की बात हों चाहे तालाब में बने आंगनबाड़ी भवन हों,
ताजा मामला निकल कर सामने आ रहा है तहसील राम सनेही घाट परगना सूर्यपुर के मानपुर मकोहिया गांव महमूदपुर सभा का जहा पर बृहस्पतिवार को लेखपाल रामनरेश व कानून गो की हठधर्मिता व अपने पराएं की दोहरी नीति के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई लेखपाल रामनरेश ने बिना मैनुअली नाप किए ही मौखिक रूप से कुछ लोगों को अतिक्रमण कारी बताते हुए जमीन खाली करवा दी जब कि जो अतिक्रमण कारी धन बल सत्ता पावर से युक्त दिखे उनके आगे लेखपाल रामनरेश भिगी बिल्ली नजर आए और बिना मैनुअली नाप किए ही मौखिक रूप से कबजा हटवा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली और अपने कैरेक्टर को मजबूत करने के लिए उच्च अधिकारियों को अतिक्रमण मुक्त होने की सूचना प्रसारित कर दी,
वर्तमान समय में पूरे परगना सूर्यपुर में कोई ऐसी ग्राम पंचायत नहीं है जहां पर सरकारी जमीनों पर कब्जा न हो फिर चाहे वह टांडा ग्राम पंचायत में अवैध कब्जा, सूपामऊ में तालाब की जमीन पर आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण, और तो और तहसील परिक्षेत्र में ही कुछ वर्ष पूर्व कई तालाब नजर आते थे किन्तु वर्तमान में एक भी तालाब भिटरिया से हैदरगढ़ रोड पर अस्तित्व में नहीं है सब के सब खत्म हो चुके हैं और यह सब बिना लेखपालों की मदद के संभव नहीं है,
जिस प्रकार की कार्रवाई मानपुर मकोहिया में लेखपाल रामनरेश के द्वारा की गई है उससे मौजूदा समय जो कि पंचायत चुनाव के चलते जो पार्टी बंदी है को हवा देने के बराबर है, लेखपाल की दोहरी नीति किसी बड़े राजनितिक गठजोड़ की ओर इशारा कर रही है, लेखपाल का यह कारनामा गांव में वोटबैंक समेटने का काम कर रहा है, मानपुर मकोहिया के ग्रामीण दबी जुबान बताते नजर आएं कि लेखपाल रामनरेश पहले विपक्षी के घर में बैठकर चाय नाश्ता किए है फिर एक तरफा कार्यवाही की ऐसी स्थिति में लेखपाल द्वारा किसी प्रकार के नाजायज लाभ लिए जाने की संभावना को बल मिलता हैं, एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह सब सत्ता के दबाव में किया गया है और लेखपाल खुद को सार्वजनिक रूप खुले शब्दों में एसडीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल का करीबी बताता है।