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नहरों की कोख सूनी,वादे रहे जुबानी, कैसे हो खेती किसानी।


ब्यूरो रिपोर्ट- एम.असरार सिद्दीकी।
बहराइच- नहरों में पानी न आने से हर साल किसानों की आंख में पानी रहता है। सिंचाई के पानी के संसाधन जुटाने के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन नहरों की कोख पानी से भर नहीं सकी है। बेबस किसान सिंचाई के लिए रब के हवाले रहता है। रबी की फसल का बुवाई करने को नहर, माइनर व रजबहा में पानी न होने से छोटे किसानों को पानी की व्यवस्था करने में काफी जद्दोजेहद उठानी पड़ती है। इस कारण फसल की लागत भी नहीं निकल पाती है।किसान आंदोलन करता है लेकिन उसे केवल आश्वासन का झुनझुना थमा दिया जाता है।

यदा कदा तो किसान आत्महत्या को मजबूर हो जाते हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को किसान की आह से कोई इत्तेफाक नहीं रहा। बाबागंज क्षेत्र में शारदा नहर चौधरी चरण सिंह खण्ड-3 से पानी आता है।इमसे परमपुर, महदी, जिगिरया, गेंदपुर, रामनगर,बक्शीगावँ, गोप्तार पुरवा, रग्घूपुरवा, चहलवा, शिवदास गावँ,शंकरपुर, लक्ष्मणपुर सलारपुर,मकनपुर,भटपुरवा,भवनियापुर,टिकुरी आदि सैकड़ों गावँ के किसान प्रभावित हैं मायूस किसान एक जनांदोलन को तैयारी कर रहे हैं।

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