एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बीएसपी चीफ मायावती जब मैनपुरी के मंच पर एकसाथ आए तो यह यूपी की राजनीतिक में एक ऐतिहासिक लम्हा था। 24 साल बाद एकसाथ दिखी इस तस्वीर के बाद लखनऊ गेस्टहाउस कांड की यादें धुंधली या यों कहें कि पूरी तरह धुल गई। मायावती ने गेस्टाउस कांड का जिक्र तो किया लेकिन यह भी कहा कि बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुरानी बातें भूलनी होती हैं। मुलायम भी संसद में महिलाओं के लिए किए गए काम गिनाते नजर आए। माया के सामने एसपी संरक्षक के इस बयान को गेस्टहाउस कांड से उनके आगे बढ़ जाने का संकेत माना जा रहा है।
माया ने बताया-गेस्टहाउस कांड के बाद भी साथ क्यों
मंच पर मुलायम बैठे थे। माया ने भाषण शुरू किया तो 24 साल पुरानी उस घटना का जिक्र किया, जो एसपी-बीएसपी के रिश्तों में दरार की वजह बनी। मायावती ने गठबंधन करने के फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि जनता और मीडिया जानना चाहेगी कि बीएसपी की प्रमुख के साथ मुलायम सिंह यादव की सरकार के चलते हुए, खासकर 2 जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड के बावजूद यूपी में बीएसपी-एसपी गठबंधन आम चुनाव क्यों साथ लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘देश-जन हित में और पार्टी के मूवमेंट के हित में कभी-कभी हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं जिसको आगे रखकर ही हमने देश के वर्तमान हालात के चलते हुए यूपी में एसपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’
Home / World / प्रमुख खबरें / मैनपुरी: 24 साल बाद एक साथ नजर आए मुलायम और मायावती, एक-दूसरे की जमकर तारीफ
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