बहराइच- कोरोना महामारी को लेकर भारत नेपाल सीमा पिछले 5 माहने से सील है। जिसके कारण रूपईडीहा कस्बे के व्यापारियों एवं नागरिको की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।स्कूल कॉलेज आदि बंद चल रहे हैं।उसके बावजूद स्कूल के द्वारा बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है।जिसको लेकर रूपईडीहा कस्बे के तमाम बच्चों के अभिभावकों ने बुधवार को रूपईडीहा थाने के पास स्थित प्रॉमिस लैंड पब्लिक इण्टर कालेज में पहुंचकर अपनी दयनिय आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए पिछले 5 माह की फीस माफ किए जाने की मांग स्कूल प्रशासन से की है।प्रार्थना पत्र में अभिभावकों द्वारा कहा गया है कि जबसे कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश में स्कूल कॉलेज बंद किए गए हैं।तब से लेकर अब तक बच्चों ने किसी भी प्रकार से स्कूल ज्वाइन नहीं किया है।स्कूल के द्वारा बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेज तो शुरू की गई।लेकिन अभिभावकों का कहना है। आधे से अधिक लोगों के पास एंड्रॉयड ,फोन नहीं है। कस्बे में आए दिन नेटवर्क की समस्या होने के कारण बच्चे ठीक ढंग से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सके हैं।ऐसे में फीस लेने का क्या औचित्य है। इस अवसर पर बच्चों के अभिभावक सुशील बंसल, अब्दुल माजिद, दिलीप कौशल, धर्मेंद्र कौशल, बसंत चक्रवर्ती, राजकुमार कौशल, रविकुमार गुप्ता, अनिल कुमार गुप्ता राजकुमार गुप्ता आदि शामिल रहे।
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