Breaking News
Home / Uncategorized / BREAKING NEWS / हादसे में दिवंगत शिक्षक की पीड़ित पत्नी को सहायता राशि का चेक सौंपते शिक्षक संगठन के पदाधिकारी
[responsivevoice_button pitch= voice="Hindi Female" buttontext="ख़बर को सुनें"]

हादसे में दिवंगत शिक्षक की पीड़ित पत्नी को सहायता राशि का चेक सौंपते शिक्षक संगठन के पदाधिकारी

दिनांक 16/07/2020
समय- 4:05

जिला  संवाददाता बहराइच सूरज कुमार त्रिवेदी की रिपोर्ट

मार्ग दुर्घटना में दिवंगत मिहींपुरवा-बहराइच में कार्यरत रहे शिक्षक साथी हरिदर्शन जी ,निवासी-कानपुर के शोकाकुल परिवार को आज दिनाँक-15 जुलाई 2020 को जनपद-बहराइच के शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने 8,35,750/-(आठ लाख पैतीस हजार सात सौ पचास रुपये ) की एकत्र सहायता राशि दी।_
दिवंगत शिक्षक साथी स्वर्गीय हरिदर्शन जी जो प्रा०वि०- आजमगढ़ पुरवा, वि०ख०- मिहींपुरवा- बहराइच में सहायक अध्यापक के पद कार्यरत थे, आज दिनाँक-15 जुलाई-2020 को उनके पैतृक आवास 116/356 रावतपुर, कल्याणपुर-कानपुर जाकर आनन्द मोहन मिश्र- विशेश्वरगंज, सगीर अंसारी-मिहींपुरवा ,उमेश चन्द्र त्रिपाठी- चित्तौरा, आसिफ अली- जरवल, चन्द्रेश कुमार राजभर, राज कुमार यादव,गिरीश राम,मनीष कुमार,अमर सिंह, मोइनुद्दीन खान- मिहींपुरवा, राजीव कुमार तिवारी-विशेश्वरगंज, शरद चन्द्र शुक्ल- विशेश्वरगंज, देवेन्द्र कुमार सिंह-महसी, तनवीर आलम-फखरपुर ,विनय कुमार सिंह-जरवल निर्भयराज सिंह,इरशाद अहमद-फखरपुर, अरुण अवस्थी,रघुकुल शिरोमणि मिश्र-महसी व डी०डी०पटेल-बलहा ने स्व० हरिदर्शन जी की पत्नी श्रीमती कीर्ति जी को रुपये 4,17,875/- ( चार लाख सत्रह हजार आठ सौ पचहत्तर रुपये) व उनकी माता जी श्रीमती राम किशोरी जी को 4,17,875/-(चार लाख सत्रह हजार आठ सौ पचहत्तर रुपये) अब तक एकत्र हुईं कुल सहयोग राशि ₹ 8,35,750/- रुपये ( कुल आठ लाख पैंतीस हजार सात सौ पचास रुपये) का एकाउंट पेयी चेक जनपद-बहराइच के समस्त शिक्षक/शिक्षिकाओं की ओर से श्रद्धांजलि स्वरुप सौंपा।*

*ज्ञात हो 72825 बैच के शिक्षक साथी हरिदर्शन जी की दिनांक-04 जुलाई 2020 को निशानगाढ़ा-मिहींपुरवा के पास मूल अभिलेख बी०आर०सी० मिहींपुरवा से जमा करके वापस जाते समय कार से मार्ग दुर्घटना में दर्दनाक मृत्यु हो गई थी। आज उनके परिवार से मिलकर उनका दुःख महसूस कर हम सभी की आँखें नम हो गयीं । बुजुर्ग माता को इकलौते पुत्र, पत्नी को पति तथा छोटे छोटे बच्चों को अपने पिता को खोने का दुःख क्या होता है, आज स्व० हरिदर्शन जी के परिवार से मिलकर प्रत्यक्ष हो गया।*
शिक्षक साथियों व शिक्षिका बहनों ने शोकाकुल परिवार को सहयोग हेतु बढ़-चढ़कर योगदान देकर मानवीयता के नवीन मानदंड को स्थापित करते हुए जनपद बहराइच की इस पुनीत परंपरा को कायम रखा है।

 

About CMD NEWS UP

Check Also

अहंकारी व्यक्ति को भगवान कभी स्वीकार नही करते हैँ- सनातन संवाहक

रिपोर्ट आशीष सिंह  अहंकारी व्यक्ति को भगवान कभी स्वीकार नही करते हैँ- सनातन संवाहक   …

Leave a Reply