डॉ० अशोक ‘गुलशन’ के नाम 43 वर्ल्ड रिकार्ड।
एम0असरार सिद्दीकी
बहराइच | बहराइच निवासी कवि, साहित्यकार एवं आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ० अशोक ‘गुलशन’ के नाम साहित्य के क्षेत्र में 43 वर्ल्ड रिकार्ड हो गये हैं जिनमें सबसे छोटी ग़जल लेखन के लिये 12 वर्ल्ड रिकार्ड्स हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश वर्ल्ड रिकार्ड, जीनियसेस वर्ल्ड रिकार्ड, ट्रम्प वर्ल्ड रिकार्ड, असिस्ट वर्ल्ड रिकार्ड, इण्डिया स्टार वर्ल्ड रिकार्ड, कॉसमॉस वर्ल्ड रिकार्ड , एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड, इण्डिया बुक ऑफ़ रिकार्ड, दि बुक ऑफ़ केरला रिकार्ड्स, पाण्डिचेरी बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, वर्ल्ड बुक ऑफ टैलेन्ट रिकार्ड्स एवं प्लैनेट बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। उनकी सबसे लम्बी ग़जल के लिये 10 वर्ल्ड रिकार्ड्स हैं जिन्हें गोल्डेन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स, एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकार्ड्स, दि बुक ऑफ़ केरला रिकार्ड्स, आसाम बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, कलाम्स बुक ऑफ़ रिकार्ड्स , चोलन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स , बंगाल बुक ऑफ रिकार्ड्स, दि ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड्स एवं विक्टोरियस वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है इसी के साथ उनके द्वारा कही गयी यूनिक ग़ज़ल को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स लन्दन में शामिल किया गया है तथा बड़ी ग़ज़ल को गोल्डेन स्टार वर्ल्ड रिकार्ड , सुप्रीम वर्ल्ड रिकार्ड्स एवं यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है|
डॉ० अशोक ‘गुलशन’ द्वारा लिखित सबसे बड़ा, सबसे लम्बा और यूनिक गीत डायमंड वर्ल्ड रिकार्ड्स एवं नमो बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में एवं एक वर्ष में सबसे अधिक सम्मान प्रमाण पत्र पाने का रिकार्ड कोहिनूर वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, इंटरनेशनल वन्डर बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में तथा साहित्य के क्षेत्र में सबसे अधिक (367) सम्मान पाने का रिकार्ड इनफिनिटी बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड, ओ एम जी बुक ऑफ रिकॉर्ड ,डायनेमिक रिकार्ड बुक एवं हौसला वर्ल्ड रिकार्ड क्लब्स में प्रवेश मिला है तथा उनके दोहा ग़जल को क्रीडेंस बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, रॉयल सक्सेस इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, यूनिवर्सल रिकार्ड्स फोरम, हाई रेन्ज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, वृक्षा बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशियन वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं वज्र वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है|
डॉ0 गुलशन की 23 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें साहित्य सेवा हेतु लन्दन, ब्राज़ील, इंडोनेशिया, भूटान, थाईलैंड, नेपाल तथा भारत के 15 राज्यों की संस्थाओं द्वारा 387 सम्मान, पुरस्कार एवं उपाधियों से सम्मानित किया गया है।