राजनीति का शिकार हुआ शिक्षा मित्र
ब्योरो रिपोर्ट-एम0असरार सिद्दीकी
उ.प्र. की महिला शिक्षामित्र
तृप्ति सिंह बहराइच😢✍️
उत्तर प्रदेश-जीवन के 42 बसन्त देख चुकी थी मैं। नई नई शादी हुई थी।ससुराल के गांव में शिक्षामित्र की भर्ती आई थी।घर वालो ने फार्म भरवाया चयनित भी हुए।बड़े मनोयोग से 15 साल इस पद पर काम किया।गांव वाले मुझसे बहुत खुश थे क्योंकि विद्यालय जो लगभग बन्द थे उनमें मैंने जान फूंक कर बच्चों को शिक्षा देती थी।तभी हमारा समायोजन हुआ और मेरे सपनों में भी पंख लग गए और मैं उड़ने लगी। हाँ कुछ ऐसे ही शब्दों से नवाजा जाने लगा मुझे। क्योंकि मैंने सपने देखे थे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की।अच्छा खाने पहनने की।बीमार माता पिता के इलाज की।तभी अचानक कुछ लोगो को हमारी खुशी सही न गई।कोर्ट से हमारे लिए मौत का फरमान ले आये।
साथ मे एक कलंक अयोग्य होने का।फिर भी मैंने हिम्मत नही हारी लगभग 40 साल की उमर में मैं सरकार और कोर्ट की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की होड़ में रात दिन मेहनत करती गई। 6 घण्टे स्कूल के बाद घर की जिम्मेदारी उसके बाद पढ़ाई।अब तो हमारी बेटी भी स्नातक करने जा रही थी।अक्सर हम मां बेटी साथ ही पढ़ते थे।खैर किसी तरह टेट पास किया। 97 नम्बर से।बहुत खुशी हुई थी कि अब तो नौकरी मिल जाएगी क्योंकि आपने कहा था टेट के बाद नौकरी शिक्षामित्र की।पर खुशी ज्यादा दिन न चल सकी।पता चला कि आपने एक नई परीक्षा लगा दी।खैर मैंने फिर हिम्मत की ओर दोबारा पढ़ाई करने लगी।जब फार्म भरा तो आपके अधिकारियों ने पासिंग मार्क नही बताया । शिक्षामित्र सोच रहा था कि थोड़ी मेहनत करके हम पास हो सकते हैं।मैंने कमर कस ली क्योंकि अब बात मेरे सम्मान के साथ साथ मेरे बच्चों के भविष्य की थी जो न पढ़ पा रहे थे न मध्यम वर्गीय जीवन बिताने में भी दिक्कत थी।किसी तरह रात दिन एक करके हमने परीक्षा दी।घर आ कर नम्बर जोड़े तो 90+ थे।हम निश्चिंत हो गए।अचानक पता चला कि पसिंग 60/65 लग गया है।मन मे अजीब सी उलझन हुई पर साथियों ने हिम्मत दी कि कोर्ट से न्याय मिलेगा।तो ऐसे आ गए हम न्याय की दहलीज पर।एक बार फिर हिम्मत जोड़ी माथे का कलंक हटाने के लिए।पर आज फिर हम हार गए।हम पढ़ाई से नही हारे।हम हारे आपकी गलत नीतियों से।हम हारे आपके गलत न्याय से।हम हारे समाज के तानों से।अब आपको आपकी नौकरी मुबारक ।हमारी जिंदगी तो आपने ,आपके अधिकारियों ने,आपके अन्याय ने खत्म कर दी।मेरी हत्या के जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ आप सब हो