रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश पुलिस की कई तस्वीरें जनता के दिलों में विश्वास जगाती हैं, लेकिन नानपारा कोतवाली की यह तस्वीर इंसानियत की एक मिसाल बन गई है। यहां तैनात हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश शाह ने मानवता का परिचय देते हुए 80 वर्षीय वृद्धा रुकैया को वह सहारा दिया, जिसकी उम्मीद उन्होंने अपने चार बेटों से की थी, लेकिन नहीं मिली।
सूत्रों के मुताबिक, वृद्धा रुकैया रोती-बिलखती नानपारा कोतवाली के राजा बाजार चौकी पहुंचीं और कांपती आवाज में पुलिस से गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि उनके चार बेटों ने मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दिया है और अब उनके पास जाने के लिए कोई ठिकाना नहीं है।
मौके पर मौजूद हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश शाह ने तुरंत वृद्धा को सहारा दिया, उनके आंसू पोंछे और विनम्रता से कहा, “माता जी, पहले बैठिए, मैं आपके साथ हूं।” शाह ने उन्हें जूस और समोसा खिलाकर सांत्वना दी। इसके बाद वे स्वयं वृद्धा को उनके मोहल्ला कसाई टोला स्थित घर ले गए और बेटों को सख्त हिदायत दी कि मां की सेवा करें, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हेड कांस्टेबल की इस मानवीय पहल की पूरे इलाके में सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि इस तस्वीर से यह साबित होता है कि यूपी पुलिस सिर्फ कानून-व्यवस्था की रखवाली ही नहीं करती, बल्कि जरूरतमंदों के लिए सच्चे बेटे की तरह भी खड़ी होती है।
2006 बैच के हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश शाह की यह पहली मिसाल नहीं है। वे अक्सर दिव्यांगों और वृद्धजनों की सेवा के लिए जाने जाते हैं। नानपारा में लगभग दो वर्षों की तैनाती के दौरान उन्होंने कई ऐसे कार्य किए, जिनसे लोग उन्हें अपना बेटा और नायक मानने लगे हैं।