रिपोर्ट हरि शरण शर्मा
बदायूँ: 22/05/2025 उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुकम में माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा गुरुवार को विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर का आयोजन केदारनाथ महिला इन्टर कॉलेज, बदायूं में आयोजित किया गया।
शिविर का शुभारम्भ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं शिव कुमारी की अध्यक्षता में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में कशिश सक्सेना, असि. एल.ए.डी.सी. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा अपने वक्तव्य में राष्ट्रीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित योजनाओं, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के द्वारा प्रदत्त निःशुल्क विधिक सेवाओं, विधिक साक्षरता/जागरूकता कैम्प के उद्देश्यों के बारे में बताया इसके अतिरिक्त भारतीय संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों, तीन नये भारतीय न्याय संहिता के कानून तथा शासन द्वारा संचालित विभिन्न टोल फ्री नं0 आदि के बारे विस्तारपूर्वक बताया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं शिव कुमारी द्वारा अपने वक्तव्य में पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पर्यावरणीय कानूनों, पॉक्सो एक्ट, तीन नये भारतीय न्याय संहिता के कानून, गुड टच व बैड टच, किशोर न्याय बोर्ड के क्रियान्वयन, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
शिविर के अन्त में सभी छात्राओं को अपने वक्तव्य में बताया कि छात्राओं को शिक्षित होना चाहिऐ व अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सेवायें प्रदान की जाती है, यदि किसी प्रकार पीड़ित के अधिकारों का उल्लंघन होता है तो वह अपने शिकायती प्रार्थना-पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं व सम्बन्धित थाना में निःसंकोच केस दर्ज करा सकते हैं एवं साथ ही कार्यकम में उपस्थित छात्राओं से आह्नावान किया गया कि अपने आस-पास के परिवेश में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें, तथा स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें इसके अतिरिक्त छात्राओं के खिलाफ अपराध जैसे एसिड हमला, बलात्कार, अपहरण, दहेज उत्पीडन, एवं यौन उत्पीडन के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया एवं घर से विद्यालय आने जाने पर छात्राओं को सड़क सुरक्षा की दृष्टि से हेल्मेट व शीट वेल्ट आदि यातायात नियमों का पालन करना चाहिए ताकि असमय होने वाली गम्भीर दुर्घटनाओं को रोका जा सके एवं 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को भारत में “नाबालिग” माना जाता है, कानूनी रूप से अवयस्क द्वारा किये गये विभिन्न प्रकार के अपराधों के मामले में विचारण हेतु भारतीय न्याय व्यवस्था के अधीन जनपद बदायूं में किशोर न्याय बोर्ड, का गठन किया गया है जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों को दण्ड स्वरूप बाल सुधार गृह बरेली में भेजा जाता है एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के कार्यों आदि तथा निःशुल्क विधिक सहायता हेतु विधिक जानकारी दी गयी इसके अतिरिक्त उनके द्वारा स्त्री-पुरुष सामानता सम्बन्धित प्रावधानों एवं महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण सम्बन्धित विधिक प्रावधानों को विस्तृत रूप में बताया गया। इसके अतिरिक्त 13 सितम्बर 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर पर सुलह समझौते के आधार पर आप अपने वादों का निस्तारण करा सकते हैं, तथा सूक्ष्म एवं लघु प्रकृति के वादों को सम्बन्धित न्यायालय के निर्देशानुकम में जनपद न्यायालय परिसर में मध्यस्थता केन्द्र खुला हुआ है। उक्त मध्यस्थता केन्द्र के सदस्यों/अधिवक्ताओं द्वारा दोनों पक्षों को बिठाकर समझौता कराया जाता है. इसी कम में जनपद न्यायालय परिसर, बदायूं में स्थित ए०डी०आर० भवन संचालित न्यायालय स्थायी लोक अदालत की प्रक्रिया एवं कार्यकलापों के बारे में जानकारी दी गयी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के टोल फ्री नम्बर 15100 पर भी कॉल कर विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं का स्टाफ एवं पराविधिक स्वयं सेवकगण, व केदारनाथ महिला इन्टर कॉलेज, बदायूं की प्रधानाचार्या श्रीमती अमलेश गुप्ता व विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। इसके उपरान्त शिविर के अध्यक्ष की अनुमति से उक्त शिविर का समापन किया गया।