रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
बहराइच- जिला बहराइच के विकास खंड बलहा की ग्राम पंचायत केशवापुर में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) के तहत और स्वक्षता हेतु लाखों रुपये खर्च किए गए। लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं और लापरवाही के कारण सरकारी धन का भारी दुरुपयोग हुआ है। इस योजना के तहत गांव में बनाए गए ढांचागत सुविधाएं अब खस्ताहाल हो चुकी हैं, जिससे ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
ग्राम पंचायत में चार नापेड कम्पोस्ट और एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का निर्माण किया गया। लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि नापेड कम्पोस्ट जल्द ही क्षतिग्रस्त हो गए। एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र भी उपयोग में नहीं आ रहा है और हमेशा ताला बंद रहता है। यही नहीं, कूड़ा प्रबंधन के लिए आवश्यक रिक्शा वाहन भी गांव में उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि वाहन की अनुपस्थिति के कारण कूड़े का निपटारा नहीं हो पाता, जिससे स्वच्छता अभियान विफल हो रहा है। ग्राम पंचायत में सभी के पास शौचालय नहीं है और कही कही अपूर्ण हैं। ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है।
ग्राम पंचायत में बनाए गए सामुदायिक शौचालयों की स्थिति भी दयनीय है। शौचालय के टैंक जमीन से ऊपर उभरे हुए है प्रतिदिन न खुलने से उपयोग में नहीं आता और खुले में शौच के लिए लोग मजबूर होते हैं।
ग्राम पंचायत केशवापुर की यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस प्रकार सरकार की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर विफल हो रही हैं। ज्ञात हुआ है कि ओडीएफ की जांच कुछ महीने पहले खंड शिक्षा अधिकारी बलहा ने किया था खंड शिक्षा अधिकारी बलहा ने बताया कि जांच की रिपोर्ट अधिकारी को भेज दी गई हैं।
अव्यवस्थाओं के संबंध में खंड विकास अधिकारी बलहा संदीप कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सुधार कराया जाएगा और जांच की जाएगी गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी।