रिपोर्ट:- मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
मवई अयोध्या – अल्हवाना में धूमधाम से मनाया गया जश्ने ईदमिलादुन्नबी व लंगरे रसूल का हुआ आयोजन
*इस्लाम अमन व भाईचारे का देता है पैगाम – मौलाना अब्दुल्लाह*
अयोध्या – रूदौली तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत अल्हवाना में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया गया जश्ने ईदमिलादुन्नबी। सरकारे दो आलम सल्ललाहो अलैहे वसल्लम की विलादत जन्म दिवस को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गांव वालों ने मिलकर जामा मस्जिद को कुमकुमों व रंग बिरंगी झालरों से खूब सजाकर जश्ने ईदमिलादुन्नबी मनाया गया और लोगों के खाने के लिए लंगरे रसूल का आयोजन किया।आयोजित किए गए कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज़ मोहम्मद कासिम ने तिलावते क़ुरआने पाक से की।उसके बाद नूर आलम व मोहम्मद कासिम ने बेहतरीन अंदाज़ में नाते पाक पढ़ी।उसके बाद मौलाना अब्दुल्लाह ने अपनी
तकरीर में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस्लाम अमन और भाईचारे का पैगाम देता है। इस्लाम के उसूलों और तालीमों को अपनी जिन्दगी में उतारे बगैर कोई भी शख्श कामिले मोमिन नही हो सकता है।उन्होंने कहा कि नबीए करीम सलल्लाहो अलैहे वसल्लम की विलादत( जन्म) किसी वर्ग विशेष के लिए न होकर पूरी आलमे इंसानियत के लिए अजीम नेमत है इस पर उन्होंने तफसील से बयान किया।मौलाना अब्दुल्लाह ने अपनी तकरीर में नमाज़ की फनीलत पर रौशनी डालते हुए कहा कि इस्लाम का सबसे अहम रुक्न नमाज़ है नमाज़ दीन का सतून होने के साथ दिल का नूर भी है उन्होंने कहा कि हम सभी मोमिनों को नमाज़ से ग़ाफ़िल नहीं होना चाहिए नमाज़ अल्लाह के महबूब और हम सबके आका नबीए करीम सल्ललाहो अलैहे वसल्लम के आंखों की ठंडक है उन्होंने लोगों से पाबंदी के साथ नमाज पढ़ने की ताकीद की, उसके बाद सलातो सलाम पढ़कर प्रोग्राम का समापन किया गया। जश्ने ईदमिलादुन्नबी का आयोजन के अवसर पर मोहम्मद फारूक, हाजी मोहम्मद हसीब,नूर आलम,अल्तमस,मो,समीर , मो,अनीस,मो,अफ़ज़ल,मो० आसिफ ,मो,वैश,जैनुल आबदीन,अब्दुल कलाम व मो,कसीम सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।