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बहराइच- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से संवरेगा बच्चों एवं युवाओं का भविष्य

10 नवम्बर। जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होने कोविड या अन्य कारणों से अपने माता-पिता अथवा माता या पिता अथवा अभिभावक को खो दिया हो तथा वह कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकि संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहे हों अथवा या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परिक्षाएं उत्तीर्ण कर चुके हैं, ऐसे बच्चों को सहयोग प्रदान के लिए प्रदेश में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) योजना संचालित की जा रही है।
श्री कुमार ने यह भी बताया कि ऐसे बच्चे जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है, अथवा जिनके माता-पिता या परिवार मुख्यकर्ता जेल में है अथवा ऐसे बच्चे जिन्हे बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति/बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार/पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृत्ति/वैश्यावृत्ति में सम्मिलित परिवारों के बच्चे भी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।
योजनान्तर्गत पात्रता की जानकारी देते हुए श्री कुमार ने बताया कि 0 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता (दोनों), माता-पिता में से किसी एक की अथवा वैध अभिभावक की मृत्यु 01 मार्च 2020 के पश्चात हुई हो, 0 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिन्हे बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति/बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार/पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो या भिक्षावृत्ति/वैश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चों तथा 18 से 23 वर्ष तक की आयु के ऐसे किशोर जिनके माता-पिता दोनों, माता-पिता में से किसी एक की अथवा वैध अभिभावक की मृत्यु हो गई है, उनको कक्षा-12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकि संस्थान में स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने वाले एवं नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परिक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकि संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा।
श्री कुमार ने बताया कि केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य समरूपी योजना यथा बाल श्रमिक विद्या योजना आदि का लाभ प्राप्त कर रहे परिवारों को उक्त योजना से लाभ नही दिया जा सकेगा, परन्तु उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त कर रहे ऐसे बच्चों को जो 18 वर्ष की आयु पूरी करने के उपरान्त कक्षा-12 तक शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकि संस्थान में स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने वाले एवं नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परिक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकि संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा।
योजना के तहत वित्तीय मानकों की जानकारी देते हुए जिला प्राबेशन अधिकारी ने बताया कि पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम 02 बच्चों को प्रति माह प्रति बालक/बालिका रू. 2500=00 की सहायता धनराशि प्रदान की जायेगी। जिन बच्चों या युवाओं के माता तथा पिता (दोनों) की मृत्यु हो गयी है उन पर आय सीमा की शर्त लागू नहीं होगी, शेष श्रेणी हेतु सम्बन्धित परिवारों की वार्षिक आय रू. 03 लाख से कम होनी चाहिए।

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