ब्यूरो रिपोर्ट- मुहियुद्दीन खान।
बहराइच- मदरसा सुलतानुल उलूम मीरपुर कस्बा व मदरसा आमिना लिलबनात मोहल्ला सालारगंज के संस्थापक एवं प्रबंधक मौलाना सिराज अहमद मदनी ने वसीम रिज़वी के उस बयान की कड़ी निन्दा की है जिसमें उन्होंने कुरआन मजीद की 26 आयतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि इन आयतों से आतंकवाद फैलता है। मौलाना सिराज अहमद मदनी ने कहा है कि कुरआन मजीद अमन व शान्ती का संदेश देता है और कुरआन मजीद की किसी भी आयत से आतंकवाद नहीं फैलता है बल्कि कुरआन ए करीम की आयतों से अमन व शान्ती प्रदान होती है। मौलाना सिराज अहमद मदनी ने कहा कि कुरआन मजीद की हिफाज़त की जिम्मेदारी खुद अल्लाह पाक ने ले रखी है। खुद अल्लाह पाक ने कुरआन मजीद में फरमाया है कि” हमने कुरआन मजीद को नाजिल किया है, और हम ही इस की हिफाज़त करेंगे” मौलाना मदनी ने कहा है। कि जिन आयतों की ओर वसीम रिज़वी ने आतंकवाद के फैलने का इशारा दिया है। उन्हीं आयतों के सिलसिले में स्वामी शंकराचार्य ने भी एक किताब लिखी थी किताब का नाम रखा था “इस्लामी आतंकवाद का इतिहास” यह किताब खूब मशहूर हुई एक दिन स्वामी शंकराचार्य जी को कुरआन मजीद के कुछ पम्पलेट मिले जिसमें कुरआन मजीद की आयतों का तर्जुमा लिखा था उसके पढ़ने के बाद स्वामी शंकराचार्य जी के दिल में पैगम्बर हजरत मोहम्मद सललललाहू अलैहि वसल्लम की जीवनी पढ़ने की ख्वाहिश हुई स्वामी जी ने हज़रत मुहम्मद सललललाहू अलैहि वसल्लम की जीवनी पढ़ने के साथ साथ कुरआन मजीद का तर्जुमा कर फिर से पढ़ा तो रोने लगे और उन्होंने फिर उस किताब के दिफा में दूसरी किताब लिखी उस किताब का नाम रखा “इस्लाम आतंकवाद है, या आदर्श” इसमें उन्होंने उन्हीं 26 आयतों को जो वसीम रिज़वी हटाने की मांग कर रहा है। उसकी तर्जुमानी व तशरीह की है। मौलाना सिराज अहमद मदनी ने हुकूमत ए हिंद से मांग की है कि मलऊन वसीम रिज़वी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे, ताकि मुल्क में फैले हुए इनतेशार व बेचैनी को खत्म किया जा सके।
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