एम.असरार सिद्दीकी।
बहराइच- रूपईडीहा से नेपालगंज जाने वाले मार्ग पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत राम लखन दास जी ने रविवार को अंतिम सांस ली। रूपईडीहा क्षेत्र के लोगो मे उनके अचानक निधन से शोक व्याप्त हो गया ।उनके अंतिम दर्शनों के लिए भारी भीड़ लग गयी। इस सम्बंध संस्कृति विद्यालय रूपईडीहा के पूर्व प्रवक्ता मनीराम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राम लखन दास जी के गुरु राम दयाल दास ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।1994 में महंत राम दयाल दास के ब्रम्हलीन होने के बाद उन्होंने हनुमान मंदिर की गद्दी सम्हाली।इन्ही के कार्यकाल में हनुमान जी के साथ मां दुर्गा,श्री राम दरबार व श्री साईं मंदिर की स्थापना की गई।मंदिर परिसर में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।मंदिर के आस्थावान भक्त जगमोहन जायसवाल ने बताया कि महंत जी कई दिनों से जटिल बीमारियों से जूझ रहे थे।उन्होंने 55 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। मंदिर परिसर में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले रूपईडीहा कस्बे उनकी शोभा यात्रा निकाली गयी। इस अवसर क्षेत्र पंचायत सदस्य संदीप जायसवाल, रामचंदर जायसवाल,दीपक जायसवाल, नन्द किशोर जायसवाल, संजय कुमार वर्मा,महेश जायसवाल, डॉ सनत कुमार शर्मा,डॉ उमाशंकर वैश्य ,आकाश ,अवधेश, व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय मित्तल सहित भारी संख्या में आस्थावान भक्त मौजूद रहे।
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