मार्केट के दोनों प्रवेश द्वार पर की गई बैरिकेटिंग।
नानपारा वासियों ने निर्णय का किया स्वागत।
रिपोर्ट-एम0असरार सिद्दीकी के साथ जीशान अहमद हाशमी
नानपारा,बहराइच-कोरोना वायरस के चलते देश में लागू लॉक डाउन का समर्थन करते हुए क़स्बा नानपारा की नाक लड्डन फैशन गली के सभी दुकानदारों ने स्टील गंज तालाब मार्केट की तर्ज पर यह मार्केट भी बंद रखने का निर्णय लिया है ज्ञात हो कि कल स्थानीय प्रशासन और व्यपार मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि क़स्बे में प्रति दिन एक एक पटरी साइड की दुकाने खोले जाने पर सहमति बनी थी मगर नानपारा की नाक कही जाने वाली मार्केट लड्डन फैशन गली की सभी दुकानदारों ने आपसी सहमति से कोई भी दुकान न खोले जाने का एलान किया है
और लॉक डाउन का पूर्ण रूप से सहयोग करने का भी एलान किया है लड्डन फैशन गली नानपारा में महिलाओं की गली के नाम से पूरे जनपद में मशहूर है और इस मार्केट में महिलाओं और बच्चों के स्तिमाल में आने वाले सभी सामान एक ही जगह पर मिल जाते हैं इस कारण हमेशा यह मार्केट पूरी तरह से गुलज़ार रहती थी और रमजान की शुरुवात होते ही इस गली में निकलने की भी जगह नहीं रहती थी और सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से स्थानीय कोतवाली पुलिस और महिला पुलिस की भी ड्यूटी लगाई जाती थी मगर वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते लागु लॉक डाउन को देखते हुए और अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोगों का एलान की यह ईद पुराने कपडे में ही मनाएंगे को देखते हुए इस मार्केट के दुकानदारों ने दुकाने न खोलने का एलान किया है
मार्केट के दुकानदार निशाद खान,इरशाद अहमद,मोहम्मद शारुख,एहतिशाम,शाहनवाज़ अहमद,शाहबाज़ नसीम,जमाल अहमद,ताजुद्दीन सिद्दीकी,फुरकान अहमद,सहित सभी दुकानदारों ने बताया कि जब इस लॉक डाउन के कारण रमजान माह में भी मस्जिद में नमाज़ अदा नहीं की जा रही है तो इस दशा में मुस्लिम समुदाय ने ईद को सादगी के साथ मनाने का फैसला लिया है और हम सभी दुकानदार भी अपनी सभी दुकाने पूरी तरह से बंद रखेंगे और सभी दुकानदारों ने दोनों प्रवेश द्वार पर बैरिकेटिंग कर दी है वही दूसरी तरफ आज क़स्बे में जो दुकाने खोले जाने का आदेश स्थानीय प्रशासन ने दिया है उसमें आज देखा गया कि खुली हुई दुकानों पर खुलेआम लॉक डाउन और शोषल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है और स्थानीय प्रशासन इस तरफ से अंजान बना हुआ है देखने से ऐसा प्रतीक हो रहा है कि जैसे कोरोना वायरस बीमारी ख़त्म हो चुकी है शहर के बुद्धिजीवियों का कहना है कि जब देश में लॉक डाउन है मंदिर,मस्जिद में लोगों को जाने की परमिशन नहीं है यहाँ तक की मस्जिदों में इस वर्ष तरावी की नमाज़ नहीं होई है ऐसे समय में दुकानों को खोले जाने की परमिशन देना कुछ समझ में नहीं आ रहा है जब दुकाने खुलेंगी तो न तो लॉक डाउन का पालन हो पायेगा और न ही शोषल डिस्टेंसिंग का पालन ही हो पायेगा अगर दुकाने खुलने की परमिशन देनी चाहिए तो सभी को देना चाहिए नहीं तो किसी भी दुकानों को खोलने की परमिशन नहीं मिलनी चाहिए कहीं ऐसा न हो कि सारी मेहनत पर पानी न फिर जाये और कोरोना वायरस माहमारी का रूप धारण न कर ले।