रिपोर्ट- विवेक श्रीवास्तव
नानपारा बहराइच- जिले के विकास खण्ड बलहा के ग्राम पंचायत मटिहा में विकास सिर्फ शब्द बनकर रह गया है जमीनी हकीकत पर न ही रास्ते सही है न ही अन्य कोई विकास जरूरी कार्य।
ग्राम पंचायत मटिहा में रास्ते जर्जर व खराब है अगर थोड़ी भी बारिश हो जाये तो एम्बुलेंस या पुलिस की भी गाड़ी नही आ सकती है। मनरेगा से हुए कार्य में सिर्फ फ़ोटो खाना पूर्ति करने के लिए मजदूर लगाकर कई एंगल से फोटो खींच ली गई और उसके बाद सारा कार्य ट्रैक्टर से करवाया गया जबकि मनरेगा में संपूर्ण कार्य श्रमिकों के द्वारा किए जाने के प्रावधान हैं। मटिहा में बशीर के खेत के पास तालाब में भी मजदूरी के नाम पर मनरेगा में सिर्फ खाना पूर्ति की गई और श्रमिक नही रहें। और अब लोग अपने निजी उपयोग के लिए तालाब से मिट्टी की खुदाई करके अपने घर ले जा रहे हैं जबकि यह खनन की श्रेणी में आता है। ग्राम पंचायत के निवासी प्रेमचंद अपनी बाइस वार्षिए पुत्री व पुत्र के साथ झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं आवास शौचालय राशनकार्ड सभी सुविधाओं से दूर किया गया।