रिपोर्ट- विवेक श्रीवास्तव सम्पादक कार्यालय
सामुदायिक शौचालय मैं लटकता ताला ग्रामीणों ने बताया व्यवस्था अस्त-व्यस्त
ग्राम पंचायत में मनरेगा में श्रमिकों की रही हाजिरी फिर जमीनी हकीकत पर गैर हाजिर
ग्राम पंचायत में बनी पानी टंकी की व्यवस्था भी ग्राम पंचायत में रही फेल
कूड़ा दान भी हुआ धवस्त, ठेकेदारी प्रथा से कराया गया था निर्माण
बलहा बहराइच- रविवार को जिले के विकासखंड बलहा के ग्राम पंचायत बहादुर पुरवा में ऑनलाइन श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज है और यह क्रम लगातार महीनों से चल रहा है उसके बावजूद भी जमीनी हकीकत बिल्कुल पलट है ग्राम पंचायत में चार मार्गों पर मनरेगा में भूमि विकास के कार्य हेतु 70 से अधिक मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी है लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिलकुल विपरीत ही मिली ग्राम पंचायत में मनरेगा में चल रहे कार्यों के स्थान पर कोई भी श्रमिक एवं कार्य नहीं मिला जिसकी जियो टैग फ़ोटो भी वायरल हुई। यूं कहें कि मनरेगा में खुलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जिम्मेदार भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं सरकार लाखों रुपए मनरेगा के कार्यों की निगरानी के लिए खर्च कर रही है उसके बावजूद भी मनरेगा में कार्य में पूरा का पूरा 100% गड़बड़ी होना जिम्मेदारों की भूमिका को संदेह जनक करता है। ग्राम पंचायत में कई वर्षों पूर्व बनी पानी टंकी से ग्रामीणों को पानी की व्यवस्था का लाभ नहीं मिल पाया और सिर्फ हाथी के दांत साबित हो रहा है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के अंतर्गत आने वाले सामुदायिक शौचालय जो हर ग्राम पंचायत में निर्माण कराया गया और सरकार ने लाखों रुपए हर ग्राम पंचायत में इसके लिए खर्च किए फिर भी ग्राम पंचायत बहादुर पुरवा में सामुदायिक शौचालय के नाम पर सिर्फ और सिर्फ एक इमारत खड़ी कर दी गई और उसमें कोई भी व्यवस्था को ध्यान नहीं रखा गया ग्रामीण ने बताया कि लगभग 2 वर्षों से सामुदायिक शौचालय का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है सामुदायिक शौचालय सिर्फ और सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है ग्रामीण ने बताया कि सामुदायिक शौचालय के अंदर टूटा फूटा हुआ भी है और अगल-बगल के लगे इंटरलॉकिंग भी धस गई है। ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत भवन सचिवालय का निर्माण वर्षों से निर्माण अधीन है ग्राम पंचायत का कार्य सचिवालय से संचालित नहीं हो पा रहा है वर्षों से पड़े निर्माणाधीन सचिवालय पर किसी की नजर नहीं टिक रही की ग्राम पंचायत की अहम बिल्डिंग सचिवालय का निर्माण पूरा करके संचालन कराया जाए। ग्राम पंचायत में बने कूड़ेदान का भी निर्माण कराया गया लेकिन वह भी क्षतिग्रस्त स्थिति में हो गया ग्रामीणों ने बताया कि मानक विहिता के साथ ठेकेदारी प्रथा को ध्यान में रखते हुए ठेके से कूड़ेदान का निर्माण कराया गया था मानक की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई थी जिस कारण से यह ध्वस्त हो गया है। सचिवालय के बगल में बने सरकारी विद्यालय में पानी की टोटियां टूटी हुई है और गंदगी की भरमार है। आगे भी ग्राम पंचायत से समाचार जारी रहेगा।