रिपोर्ट मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
मवई अयोध्या – चांद नजर आते ही महान सूफ़ी संत हजरत शेख अहमद अब्दुल हक उर्स मुबारक शुरू
23 दिसम्बर को दरगाह शरीफ के मदरसा जामिया चिश्तिया का दीक्षांत समारोह
अयोध्या – रुदौली साबरी सिलसिले के महान सूफी संत हजरत शेख अहमद अब्दुल हक (मखदूम साहब) के 607 वें उर्स का चांद नजर आया जिसकी तस्दीक करते हुए दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन व मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियां ने बताया की चांद दिखते ही दरगाह शरीफ में महफिल ए समाह (कव्वाली) शुरू हो जाती है जो अनवरत बारह दिनों तक दरगाह शरीफ में होती रहेगी इसके बाद उर्स के मुख्य कार्यक्रम 26,27,28,29 दिसम्बर तक खानकाह शेखुल आलम में होंगे। 23 दिसम्बर को दरगाह शरीफ के मदरसा जामिया चिश्तिया का दीक्षांत समारोह जश्न ए दस्तरबंदी होगा । सज्जादा नशीन व मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद नैय्यर मियां की अध्यक्षता में समस्त उर्स के कार्यक्रम परंपरागत तरीके से होंगे। नैय्यर मियां ने उर्स के सम्बंध में विस्तार से बताते हुए कहा की शेख अहमद अब्दुल हक़ मखदूम साहब की दरगाह साबरी सिलसिले का महत्वपूर्ण केंद्र है यहां उर्स के औसर पर तमाम खानकाहों दरगाहों के सज्जादा नशीन उलेमा देश के कोने कोने से मखदूम साहब से अकीदत रखने वाले जायरीन आते हैं। उर्स के दौरान महफिल ए समा के कार्यक्रम होते हैं कुल व अंतिम दिन 29 दिसम्बर को शाम 4 बजे मखदूम साहब के सैकड़ों वर्ष पूर्व के पवित्र वस्त्र तबरुकात की जियारत कराने के साथ उर्स संपन्न हो जाएगा। मखदूम साहब के उर्स व मेला में दुकानें लगना शुरू हो गई है जिसमे हलवा पराठा, बर्तन, मुरादाबादी पीतल, सहारनपुर की लकड़ी की दुकानें झूले मेला के आकर्षण का केंद्र होते हैं उर्स के बाद मेला लगभग बीस दिनों तक चलता रहता हैं।