मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
ग़रीब का परिवार घास-फूस के मकान में रहने को मजबूर
जिम्मेदार को नहीं दिख रही गरीब विधवा महिला की गरीबी
अयोध्या – ब्लॉक मवई के ग्राम पंचायत कसारी में बालाघाट की रजकला पत्नी रज्जन लाल का परिवार घास फूस की झोपड़ी में रहने को मजबूर है।महिला के पति रज्जन लाल की पहले ही मौत हो चुकी है जिसके कारण महिला के ऊपर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया।महिला के छोटे छोटे बच्चे है। जिनका पालन पोषण महिला स्वयं ही मजदूरी करके किसी तरह कर रही है।अभी तक किसी जिम्मेदार ने इस गरीब परिवार को एक आवास देने की जहमत नहीं उठाई जबकि पीड़िता ने अनेकों बार इस सम्बंध में शिकायती पत्र दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
सरकार भले ही तमाम योजनाएं गरीबों के लिए लागू करती हो लेकिन जिम्मेदार खुद सरकारी योजनाओं को साकार नहीं होने देना चाहते हैं और सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं और गरीबों का हक भी मारा करते हैं।जो जिम्मेदार लोग सरकारी योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं वह लोग जनता और सरकार के दुश्मन होते हैं जो सरकारी योजनाओं को छलावा साबित करने पर जुटे हुए हैं।एक गरीब विधवा परिवार फूस के छप्पर के नीचे अपने बच्चों के साथ किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रही है ऐसे गरीबों पर गांव के जिम्मेदार को तरस न आए तो कितनी शर्म की बात है।इस गरीब परिवार से जब पूछा गया कि क्या आपको प्रधानमंत्री आवास योजना का आवास नहीं दिया गया है तो उसने जवाब दिया भैया आश्वासन तो मिला लेकिन आवास नहीं मिला।गांव के ऐसे जिम्मेदार गांव के गरीबों की खबर किस लिए नहीं लेते हैं क्या इस गरीब विधवा की स्थिति किसी जिम्मेदार व्यक्ति को नहीं दिखी।महिला ने बात चीत में बताया कि जब जब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुए हैं तब भी माननीय प्रत्याशियों के चहेते वोट मांगने जरूर आएं थे लेकिन गांव के गरीब पर किसी को कोई तरस नहीं आया और न ही कोई इस गरीब की मदद करना चाहता तो अब तक गरीब महिला की ग़रीबी चली गई होती।भला हो पूर्ति निरीक्षक संजय चौधरी का जिनहो इस ग़रीब महिला की हालत पर तरस खाकर उसका अन्त्योदय राशनकार्ड बना दिया जिससे उसको अनाज प्राप्त हो जाता है।